राजनाथ ने कश्मीर के हालात का लिया जायजा, महबूबा अौर उमर से की मुलाकात
दो दिन के लिए श्रीनगर के हालात पर चर्चा के लिए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से मुलाकात की।
श्रीनगर। कश्मीरियों के जख्म पर मरहम के लिए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह दो दिन के दौरे पर श्रीनगर में हैं। गृह मंत्री अाज बारामूला सीमा क्षेत्र में सिविल सोसायटी, भाजपा अौर पीडीपी नेताअों के साथ बातचीत की । इसके अलावा वे राज्य मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती व पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ एक प्रतिनिधि मंडल से भी मुलाकात की।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग इलाके का दौरा किया। वहां पर वे सुरक्षा एजेंसी अौर वरिष्ठ मंत्रियों अौर सीएम महबुबा मुफ्ती से भी चर्चा की।
‘पाकिस्तान को बदलने की जरूरत’
जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा,’ कश्मीरी युवाओं को बंदूक उठाने के लिए उकसाने वाले देश पाकिस्तान का कहना है कि, वह स्वयं आतंक का शिकार है।‘ उन्होंने आगे कहा कि दोनों देशों के बीच वार्ता शुरू करने और विश्वास कायम करने के लिए पाकिस्तान को अपनी पॉलिसी में बदलाव लाने की जरूरत है।
जम्मू-कश्मीर के हालात पर गृहमंत्री ने की चर्चा, देखें तस्वीरें
इसके साथ ही सूबे के हालात पर चर्चा के लिए व्यापारिक संगठनों को भी बुलाया गया था। दो संगठनों ने मिलने से इन्कार कर दिया। लेकिन कांग्रेस ने नहीं मिलने का फैसला किया है। जबकि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार करने वाली नेशनल कांफ्रेंस ने गृहमंत्री से मुलाकात की।
वहीं कांग्रेस नेता गुलाम नबी अाजाद ने कहा कि केंद्र सरकार से दिल्ली में कश्मीर मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग करते हुए कहा कि लगातार 16 दिन तक जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू के हालात क्यों है? उन्होंने कहा कि घाटी मेें पैलेट गन के प्रयोग पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। हिंसा में मारे गए व घायलों के परिजनों को केंद्र सरकार की अोर से मुअावजा राशि दी जाए।
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पिछले सोलह दिनों से बंद व कर्फ्यू जारी
वही घाटी में आठ जुलाई को आतंकी कमांडर बुरहान की मौत के बाद पिछले सोलह दिनों से बंद व कर्फ्यू के बीच जारी हिंसा में 51 लोग मारे जा चुके हैं और तीन हजार से ज्यादा जख्मी हैं। स्थिति को सामान्य बनाने में सभी वर्गों को शामिल करने के इरादे से ही गृहमंत्री राजनाथ सिंह विभिन्न संगठनों से बातचीत कर रहे हैं।
इससे पहले शनिवार को राजनाथ सिंह नेहरू गेस्ट हाउस में उन्होंने महबूबा सरकार में शामिल भाजपा के मंत्रियों से मुलाकात की। इसके बाद पूर्व नौकरशाहों, उलमा, पर्यटन व उद्योग से जुड़े लोगों, सचिवालय कर्मियों, कश्मीरी पंडितों समेत 23 प्रतिनिधिमंडलों में शामिल 120 लोगों से मुलाकात की। इस दौरान मौजूदा हालात को सामान्य बनाने के लिए संबंधित पक्षों को शामिल करने पर जोर दिया। उम्मीद के विपरीत वादी के दो व्यापारिक संगठनों कश्मीर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज और कश्मीर इकोनॉमिक एलायंस ने गृहमंत्री से मुलाकात से इन्कार कर दिया। संगठनों का कहना था कि इस तरह के पिछले प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकला है।
कठोर कार्रवाई पर जताया एतराज
बंद कमरे में हुई गृहमंत्री के साथ बातचीत में सभी ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कठोर कार्रवाई पर एतराज जताया है। पीडीपी की युवा इकाई के नेता वहीदुर्रहमान पारा ने वादी के युवा उद्यमियों संग राजनाथ सिंह से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि अगर यहां शांति चाहते हैं तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कश्मीर नीति को आगे बढ़़ाना होगा।
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पैलेट गन पर तत्काल रोक लगे
सेवानिवृत्त नौकरशाहों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल पूर्व मुख्यसचिव मुहम्मद शफी पंडित ने कहा कि हमने उन्हें वादी के लोगों की पीड़ा और मुसीबतों से अवगत कराया है। पैलेट गन का इस्तेमाल तुरंत रोकने की मांग करते हुए कहा कि जब तक संसद द्वारा पैलेट गन के इस्तेमाल व इसके विकल्प की तलाश के मुद्दे पर गठित समिति अपनी रिपोर्ट नहीं देती, इसका इस्तेमाल नहीं हो। हमने केंद्रीय गृहमंत्री से कश्मीर समस्या के स्थायी हल के लिए सभी संबंधित पक्षों को बातचीत के लिए बुलाए जाने पर जोर दिया। सचिवालय कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष गुलाम हसन ने कहा कि हमने मौजूदा हालात पर बात नहीं की, क्योंकि हमारा संगठन कोई सियासी संगठन नहीं है। हमने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने पर जोर दिया है।
राज्यपाल के साथ की बैठक
राज्यपाल एनएन वोहरा के साथ बैठक कर राज्य के आंतरिक सुरक्षा परिदृश्य की समीक्षा कर हालात सामान्य बनाने के विभिन्न उपायों पर विचार-विमर्श किया। राज्यपाल से मुलाकात से पहले राजनाथ ने केंद्रीय खुफिया एजेंसियों, केंद्रीय अर्द्धसैनिकबलों व राज्य पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात का जायजा लिया। इसी बैठक में उन्होंने वादी के अपेक्षाकृत शांत इलाकों से कफ्र्यू को जल्द हटाने के निर्देश देने के साथ वादी में बंद मोबाइल फोन सेवाओं को यथासंभव जल्द बहाल करने पर भी जोर दिया।
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