Hindi Divas 2017: तकनीक की पटरी पर सरपट दौड़ रही हिंदी
वॉइस टाइपिंग की सुविधा तो काफी पहले से थी, लेकिन टेक्स्ट टू स्पीच यानी टाइप किए गए शब्दों का उच्चारण, इस पर हिंदी में कुछ खास काम नहीं हुआ था।
प्रभात उपाध्याय (नोएडा)। विभिन्न भाषाओं से हिंदी में अनुवाद, वॉइस टाइपिंग, टेक्स्ट टू वॉइस कनवर्टर जैसी सुविधाओं ने हिंदी की खूबसूरती में चार चांद लगाए हैं। तकनीक की दुनिया में हिंदी को ऊंचाई पर ले जाने के लिए तमाम संस्थाएं काम कर रही हैं। सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कंप्यूटिंग (सी-डैक), नोएडा ने कुछ ऐसे टूल्स यानी ई-उपकरण विकसित किए हैं, जोर हिंदी में कामकाज को आसान बना रहे हैं। एक क्लिक में सटीक अनुवाद : सी-डैक ने अंग्रेजी से हिंदी व अन्य भारतीय भाषाओं में अनुवाद का टूल तो विकसित किया ही है। साथ ही हिंदी से तमाम भारतीय भाषाओं में अनुवाद की सुविधा भी विकसित की है। इससे अन्य भाषाओं के लोगों की हिंदी में उपलब्ध सामग्री तक पहुंच आसान हुई है। टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फॉर इंडियन लैंग्वेजेज (टीडीआईएल) की वेबसाइट पर जाकर इन सुविधाओं का लाभ उठाया जा सकता है।
टेक्स्ट बदल जाएगा स्पीच में
वॉइस टाइपिंग की सुविधा तो काफी पहले से थी, लेकिन टेक्स्ट टू स्पीच यानी टाइप किए गए शब्दों का उच्चारण, इस पर हिंदी में कुछ खास काम नहीं हुआ था। सी-डैक नोएडा ने इस जरूरत को समझा और हिंदी टेक्स्ट टू स्पीच टूल को विकसित किया है। अभी इसमें इंटोनेशन यानी भाव डालना बाकी है। यह टूल लोगों के लिए काफी मददगार साबित हो रहा है और इससे विभिन्न भाषाओं के लोगों के बीच संवाद आसान हुआ है। यूनी-ट्रांस वेबसाइट पर जाकर इस टूल का लाभ उठाया जा सकता है। स्मार्ट फोन यूजर प्ले स्टोर से यूनी ट्रांस एप भी डाउनलोड कर सकते हैं।
सॉफ्टवेयर लोकलाइजेशन की भी सुविधा
सी-डैक नोएडा सॉफ्टवेयर और वेबसाइट लोकलाइजेशन यानी स्थानीयकरण पर भी काम कर रहा है। मसलन अधिकतर वेबसाइट या सॉफ्टवेयर अंग्रेजी में ही होते हैं, लेकिन हिंदी में भी इनकी जरूरत महसूस की जाती है। सी-डैक इसके लिए सहायता मुहैया करा रहा है।
अनुवाद हो या शब्दकोष, सब सुविधाएं एक जगह
सी-डैक हिंदी को और सुदृढ़ बनाने के लिए ब्राउजर बेस्ड हिंदी ट्रांसलेटर वर्क बेंच विकसित कर रहा है। इस वर्क बेंच में विभिन्न भाषाओं से हिंदी में अनुवाद, शब्दकोष, वर्तनी संशोधन (स्पेल चेकर) और टाइपिंग जैसी सुविधाएं एक ही जगह उपलब्ध होंगी। अधिकारियों का कहना है कि अगले छह महीने में इसे विकसित कर लिया जाएगा।
-सी-डैक नोएडा ने विकसित किए काम के टूल्स
-एक क्लिक में हिंदी टेक्स्ट को कर सकते हैं स्पीच में कनवर्ट
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