वीरभद्र सिंह के खिलाफ कसा शिकंजा, प्रवर्तन निदेशालय ने जारी किया समन
प्रवर्तन निदेशालय ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन जारी कर दिया हैं। अब तक सीबीआई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई, दिल्ली और कोलकत्ता में वीरभद्र सिंह से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की है।
शिमला। प्रवर्तन निदेशालय ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन जारी कर दिया हैं। अब तक सीबीआई के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई, दिल्ली और कोलकत्ता में वीरभद्र सिंह से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की है। वीरभद्र के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा सितंबर में दर्ज एक आपराधिक मामले को संज्ञान में लेते हुए ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम के तहत आरोप लगाए हैं। सूत्रों ने कहा कि ईडी के जांचकर्ता दो दिनों के भीतर वीरभद्र और उनके संबंधियों से पूछताछ कर सकते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में यह पता लगाया जाएगा कि वीरभद्र और उनके परिवार के सदस्यों ने 2009 और 2011 के बीच आखिर कैसे ज्ञात स्रोतों से अधिक 6.1 करोड़ रुपये कथित तौर पर जमा कर लिए। इस अवधि के दौरान वीरभद्र केंद्रीय इस्पात मंत्री थे। सीबीआई वीरभद्र, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह, बीमा एजेंट आनंद चौहान और चौहान के भाई सी.एल. चौहान के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम के तहत पहले ही एक प्राथमिकी दर्ज कर चुकी है।
सीबीआई को संदेह है कि 2009-11 के दौरान वीरभद्र ने कथित तौर पर अपने और अपने परिवार के नाम जीवन बीमा पॉलिसियों में एजेंट चौहान के जरिए 6.1 करोड़ रुपये निवेश किया था। उन्होंने इस धनराशि को कृषि आय बताया था जांच एजेंसी का आरोप है कि वीरभद्र ने 2012 में नया आयकर रिटर्न दाखिल कर इस धनराशि को कृषि आय के रूप में वैध बनाने की कोशिश की थी।
सीबीआई का आरोप है, ‘नए आईटीआर में उनके द्वारा बताए गए कृषि आय को उचित नहीं पाया गया। तत्कालीन केंद्रीय मंत्री ने कथित रूप से आय के ज्ञात स्रोत से अधिक अन्य संपत्तियां जमा की थी.’ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद वीरभद्र और उनके परिवार से संबंधित विभिन्न परिसरों की तलाशी भी ली थी। सूत्रों ने कहा कि राज्य की राजधानी शिमला में स्थित ईडी कार्यालय दिल्ली स्थित एजेंसी मुख्यालय के सहयोग से मामले से निपटेगा।