हाई कोर्ट ने कहा, युवाओं की बुद्धि भ्रष्ट कर रहे फिल्म निर्माता
उन्होंने साथ ही टिप्पणी कि फिल्म निर्माता फिल्मों अश्लील शब्दों वाले गाने और हिंसा वाले दृश्यों का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं।
चेन्नई, प्रेट्र। चेन्नई हाई कोर्ट ने गानों में अश्लील शब्दों के इस्तेमाल और फिल्मों में हिंसा अधिक दिखाने को लेकर फिल्म निर्माताओं से नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा कि वे युवाओं को नैतिक मूल्य सिखाने की बजाय उनकी बुद्धि को भ्रष्ट कर रहे हैं।
कोर्ट ने प्रभु कुमार को जमानत देने के दौरान ये टिप्पणियां कीं। कुमार को पोक्सो कानून के तहत 24 जून को गिरफ्तार किया गया था। उसने मां के साथ जा रही 16 साल की लड़की देखकर फिल्म का गाना गाया था।
सरकारी वकील और याची के वकील की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस एस. वैद्यनाथन ने कहा कि परिस्थितियों को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि याची ने सेक्सुअल इरादे से गीत गाया। इसके अलावा उन्होंने याची की कैद की अवधि पर विचार करते हुए जमानत का आदेश दिया।
उन्होंने साथ ही टिप्पणी कि फिल्म निर्माता फिल्मों अश्लील शब्दों वाले गाने और हिंसा वाले दृश्यों का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे हमारी संस्कृति और नैतिकता का पतन हो रहा है। उन्होंने कहा, 'मीडिया शक्तिशाली शिक्षक है। उसकी शिक्षाएं लोग कभी नहीं भूलते। इसलिए फिल्म निर्माताओं को युवाओं में अच्छे विचार पैदा करने की जिम्मेदारी को समझना चाहिए।'
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