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16 पीएसी कर्मियों पर दर्ज होगा दुष्कर्म का मुकदमा

मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भट्टा पारसौल कांड के आरोपी की पत्नी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए पीएसी कमांडर सहित 16 जवानों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

By Edited By: Published: Wed, 21 Sep 2011 12:31 AM (IST)Updated: Wed, 21 Sep 2011 12:51 AM (IST)

नोएडा [जासं]। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने भट्टा पारसौल कांड के आरोपी की पत्नी की अर्जी पर सुनवाई करते हुए पीएसी कमांडर सहित 16 जवानों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

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पीड़िता के अधिवक्ता वेद प्रकाश शर्मा ने बताया कि सात मई को भट्टा गांव में पीड़िता के घर उसकी सहमति के बिना 49 एफ बटालियन के कमांडर सहित पूरी टीम ने कब्जा कर लिया था। पीएसी कमांडर रात करीब दस बजे जांच के नाम पर घर में घुस आए। कमांडर व उसके 15 जवानों ने पीड़िता से दुष्कर्म किया। इसकी शिकायत के लिए पीड़िता दनकौर थाने गई, लेकिन उसे धमकाकर भगा दिया।

पीड़िता की शिकायत पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने प्रदेश के डीजीपी को रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए थे। उसके बाद भी रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। पीड़िता ने छह सितंबर को जनपद न्यायालय की सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश किया था।

15 सितंबर को सीजेएम अदालत ने मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने मंगलवार को दनकौर थानाध्यक्ष को पीएसी 49 एफ बटालियन के कमांडर व 15 जवानों के खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज करने के आदेश दिए। साथ ही जांच के बाद न्यायालय में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।

अधिवक्ता ने बताया कि दो दिन पहले पीएसी के 49 एफ बटालियन को पीड़िता के घेर से हटा लिया गया है।

याद रहे कि सात मई को जिला प्रशासन व पुलिस का भट्टा पारसौल गांव में धरने पर बैठे किसानों के साथ खूनी संघर्ष हुआ था। दो दिन तक गांव में अफरातफरी मची रही, इसके बाद दस मई को राहुल गांधी ने गांव में पहुंचकर किसानों से बात की तो मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया।

दौरे के बाद राहुल गांधी ने बातचीत के आधार पर पीएसी जवानों द्वारा महिलाओं का दुष्कर्म और उत्पीड़न तथा लोगों को जिंदा जलाने की बात कही। इतना ही नहीं, पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए वह उन्हें लेकर प्रधानमंत्री से मिलाने भी पहुंच गए।

हालांकि, राष्ट्रीय महिला आयोग सहित न्यायिक व पुलिस जांच में किसी महिला के साथ दुष्कर्म व उत्पीड़न न होने की रिपोर्ट सामने आई। इसके तुरंत बाद ही एससी-एसटी आयोग ने सात महिलाओं के बयान दर्ज किए, जिसमें पुलिस व पीएसी जवानों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया गया। हालांकि पुलिस इन आरोपों से इंकार करती रही।

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