सावधान! ये चिलचिलाती गर्मी कहीं ले ना ले आपकी भी जान
देश की राजधानी दिल्ली में मार्च महीने में ही गर्मी ने सात साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। पूरे देश में भीषण गर्मी पड़ रही है। लू के थपेड़ों से लोगों का हाल बेहल नज़र आ रहा है। देश के कई राज्यों में तापमान 48 डिग्री तक पहुंच गया है। हालत ये हो है कि लोग इन गर्मियों से बचने के लिए जहां एक तरफ कूलर और पंखे का इस्तेमाल कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ सरकार की तरफ से गर्मी के संकट को देखते हुए रेलवे स्टेशन जैसी सार्वजनिक जगहों पर ख़ास इंतजाम किए जा रहे हैं।
15 मई साल का सबसे गर्म दिन
15 मई साल के सबसे गर्म दिन रूप में दर्ज किया गया है। मई के महीने में जहां लोग लू से झूलस रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अप्रैल में ही इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि इस बार किस तरह गर्मी लोगों को सताएगी। मौसम विभाग का कहना है कि इस चिलचिलाती गर्मी से फिलहाल लोगों को राहत मिलने के कोई आसार मिलते नहीं दिखाई दे रहे हैं।
मार्च में टूटा गर्मी का रिकॉर्ड
देश की राजधानी दिल्ली में मार्च महीने में ही गर्मी ने सात साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। दिल्ली का तापमान मार्च में ही 38 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मार्च में ही तापमान 40 डिग्री के पार चला गया। मार्च में दिल्ली का तापमान अधिकतम 36.7 डिग्री दर्ज किया गया है, जो सामान्य से 5 डिग्री अधिक है।
पिछले 4 सालों में 4,620 की मौत
गर्मी किस कदर जानलेवा साबित हो सकती है ये बात पिछले कुछ सालों के रिकॉर्ड देखने से साफतौर पर जाहिर होती है। पिछले चार सालों में ही गर्मी से करीब 4,620 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, इनमें सबसे ज्यादा लोग आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के 4,246 थे।
115 वर्षों मे 2016 सबसे गर्म साल रहा
1901 से लगातार तापमान का रिकार्ड दर्ज किया जा रहा है। मौसम विभाग ने साल 2016 को 1901 के बाद से सबसे गर्म साल घोषित किया था। 2016 में प्रतिकूल मौसम के चलते करीब 1600 लोग बेमौत मारे गए थे जिनमें से 557 लोगों की मौत लू के चलते हुई। जबकि, 2015 में 1900, 2013 में 1219, 2012 में 1247, 2011 में 793, 2010 में 1274 और 1955 में 1677 लोग मारे गए। जानकारों का मानना है कि ये आंकड़े और भी ज्यादा है लेकिन लू जैसे मामलों को छोड़ दे तो अन्य मामलों की रिपोर्ट दर्ज नहीं होती है।
शरीर में बनी रहे नमी और पानी की मात्रा
हर साल गर्मी से हो रही सैकड़ों मौतों के बारे में मूलचंद के डॉक्टर श्रीकांत का कहना है कि इसका सबसे बड़ा कारण शरीर पानी की मात्रा और नमी में कमी से ऐसा होता है। उन्होंने कहा कि सामान्य तापमान 18 से 30 डिग्री सेल्सियस होता है। लेकिन, जैसे ही इसके ऊपर तापमान आता है डिहाइड्रेशन जैसी अन्य समस्याएं शुरू हो जाती हैं और यही जानलेवा साबित होती है।
यह भी पढ़ें: जानिए, पोखरण का वो पहला परीक्षण जिससे दहल उठी थी दुनिया