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'गांव में कैसे बताएंगे 14 साथी नहीं रहे'

शिवप्रसाद उन चंद लोगों में से हैं, जो केदारनाथ मंदिर में आई प्रलय के दौरान वहां मौजूद थे और बाबा केदार की कृपा से मौत से लड़कर जिंदा लौट आए। उन्होंने बताया कि किस तरह वह मंदिर के बाहर लगी रेलिंग को थामे रहे, जो उनके लिए वह मददगार बनी।

By Edited By: Published: Mon, 24 Jun 2013 08:26 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jun 2013 09:10 AM (IST)
'गांव में कैसे बताएंगे 14 साथी नहीं रहे'

ऋषिकेश। 60 वर्षीय शिवप्रसाद उन चंद लोगों में से हैं, जो केदारनाथ मंदिर में आई प्रलय के दौरान वहां मौजूद थे और बाबा केदार की कृपा से मौत से लड़कर जिंदा लौट आए। उन्होंने बताया कि किस तरह वह मंदिर के बाहर लगी रेलिंग को थामे रहे, जो उनके लिए वह मददगार बनी। वहीं उनके मन में उनके साथ आए 14 लोगों को खोने का गम भी है।

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रविवार को ऋषिकेश से अपने घर अमेठी (उत्तर प्रदेश) की ओर रवाना होते समय वह यहीं सोचते रहे कि वह गांव जाकर साथियों के परिजनों को क्या जवाब देंगे? अमेठी के गांव बंदोइया निवासी शिवप्रसाद अपने 34 साथियों के साथ बदरी-केदार की यात्र पर आए थे।

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