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हर पार्टी के नेता के साथ है हार्दिक का रिश्ता

आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के राजनीतिक कनेक्शन हर पार्टी के नेताओं के साथ रहे हैं। विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया व कांग्रेस विधायक तेजश्री बेन के साथ फोटो भी वायरल हुए हैं। हार्दिक ने लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के पक्ष में भी ट्वीट किए थे। स्थानीय

By Sachin kEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2015 12:11 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2015 12:20 PM (IST)

जागरण संवाददाता, अहमदाबाद। आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के राजनीतिक कनेक्शन हर पार्टी के नेताओं के साथ रहे हैं। विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया व कांग्रेस विधायक तेजश्री बेन के साथ फोटो भी वायरल हुए हैं। हार्दिक ने लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के पक्ष में भी ट्वीट किए थे। स्थानीय विधायक से नाराज होकर हार्दिक ने सरदार पटेल ग्रुप के जरिये अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा को आगे बढ़ाया।

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वीरमगाम के सरदार पटेल ग्रुप के प्रमुख थे हार्दिक
दो माह पहले तक गुजरात में हार्दिक को कुछ लोग ही जानते थे। वह अहमदाबाद जिले के शहर वीरमगाम के सरदार पटेल ग्रुप के प्रमुख थे। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा विधायक प्रागजी भाई पटेल के खिलाफ काम किया और नवनिर्वाचित विधायक तेजश्री पटेल के करीब आ गए। वह एक बार भाजपा नेता पुरुषोत्तम रुपाला के साथ भी फोटो में दिखे। महारैली से पहले उन्हें युवा पाटीदार के एक समूह का समर्थन मिला, जिसने धीरे-धीरे खुद आंदोलन का रूप ले लिया। इसी दबाव में कड़वा व लेउवा पाटीदारों की चार बड़ी संस्थाओं उमिया धाम, खोदल धाम, सिद्धसर जैसी प्रमुख संस्थाओं को भी मैदान में उतारना पड़ा, जो पहले ही खुद को आंदोलन से अलग होने की घोषणा कर चुकी थीं।

रैली में भीड़ देखकर हिंदी में बोले हार्दिक
रैली में पहुंचे लाखों पटेलों को देख कर हार्दिक ने भी तेवर बदलते हुए गुजराती के बजाय हिंदी में भाषण दिया, ताकि राष्ट्रीय मीडिया में अपना स्पष्ट संदेश छोड़ सकें। उसी दौरान उनसे एक बड़ी गलती हो गई। उन्होंने मुख्यमंत्री को रैली स्थल पर आकर ज्ञापन लेने की मांग कर दी। उसके बाद रैली में आए लोग खिसकने लगे और थोड़ी ही देर में लाखों लोग जैसे गायब हो गए। रैली के लिए सरकार से नाराज युवा पाटीदार व्यापारियों ने खूब साथ दिया। उन्होंने रैली में पहुंचे पाटीदारों के रहने-खाने की व्यवस्था की।

नीतीश को भी बताया पाटीदार
रैली में हार्दिक ने खुद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पाटीदार बताया। साथ ही, राजस्थान व मध्य प्रदेश के जाटों व गुर्जरों के समर्थन का उल्लेख किया। नीतीश व केजरीवाल का उल्लेख कर उन्होंने अपनी राजनीतिक रणनीति का अप्रत्यक्ष खुलासा कर दिया। इससे पहले सरदार पटेल ग्रुप के प्रमुख लालजी पटेल ने इशारा किया था कि आगामी चुनाव में चुनाव लड़ने के लिए भी वे विचार कर रहे हैं। हालांकि, सरकार से संवाद के मुद्दे पर लालजी व हार्दिक में मतभेद हैं जो अब और गहरा गए हैं। अब सरकार खुद पटेल समुदाय की चार बड़ी संस्था व सरदार पटेल ग्रुप से बात करने पर फोकस करेगी।

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