राजस्थान सरकार से बातचीत को तैयार हुए गुर्जर
सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर के पीलूकापुरा में रेल पटरी पर गुर्जरों का महापड़ाव दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। राजस्थान सरकार और गुर्जरों के बीच वार्ता तो नहीं हुई, लेकिन बातचीत की प्रक्रिया जरूर शुरू हो गई है।
जागरण न्यूज नेटवर्क, जयपुर। सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर भरतपुर के पीलूकापुरा में रेल पटरी पर गुर्जरों का महापड़ाव दूसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। राजस्थान सरकार और गुर्जरों के बीच वार्ता तो नहीं हुई, लेकिन बातचीत की प्रक्रिया जरूर शुरू हो गई है।
सरकार की ओर से गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को वार्ता के लिए पत्र भेजा गया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया। लेकिन इस बार गुर्जर जयपुर आकर वार्ता करने के लिए तैयार नहीं है और पहले दौर की बातचीत में बैंसला सहित गुर्जर समाज के बड़े नेता भी शामिल नहीं होंगे। माना जा रहा है कि शनिवार सुबह भरतपुर या बयाना में यह वार्ता हो सकती है।
शनिवार को करेंगे शक्ति प्रदर्शन
इस बीच, शनिवार को गुर्जर बडे़ शक्ति प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। यह शक्ति प्रदर्शन पिछले आंदोलनों में मारे गए गुर्जरों की बरसी के मौके पर पीलूकापुरा स्थित समाधिस्थल पर किया जाएगा। पांच फीसद आरक्षण की मांग को लेकर एक बार फिर पटरियों पर पहुंचे गुर्जरों से बातचीत के लिए सुबह सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के प्रमुख सचिव की ओर से एक पत्र कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पास भेजा गया।
सरकार के प्रस्ताव पर पहले तो गुर्जरों के बीच बंटी हुई राय नजर आई और वहां मौजूद कुछ गुर्जर नेताओं ने साफ कह दिया कि कोई बातचीत नहीं होगी। सरकार साफ प्रस्ताव ले कर आए कि हमें आरक्षण कैसे देगी, लेकिन बाद में गुर्जर वार्ता के लिए तैयार हो गए।
वसुंधरा सरकार जिम्मेदार
कर्नल बैंसला ने जनता की परेशानी के लिए वसुंधरा राजे सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उनका कहना है कि वे दस दिन से न्याय यात्रा कर रहे थे, लेकिन सरकार ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया। महापंचायत में भी उन्होंने अधिकारियों को डेढ़ घंटे का समय दिया, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया। ऐसे में उनके पास कोई चारा नहीं था।
रेल पटरी पर लगाए टेंट
राजस्थान की भीषण गर्मी से बचाव के लिए गुर्जरों ने रेल पटरी पर टेंट तान लिए हैं और पानी का इंतजाम भी कर लिया है। गुर्जरों ने शुक्रवार रात पटरी पर ही गुजारी। दिन भर पास के खेतों और गांवों से तरबूज और खाने-पीने का सामान आता रहा। इस बीच सरकार ने आंदोलनस्थल के नजदीकी जिलों दौसा और करौली में धारा 144 और हथियार लेकर चलने पर पाबंदी लगा दी है।
रेलवे यातायात बाधित
रेलवे पटरी पर कब्जे के कारण इंदौर व मुंबई की ओर से दिल्ली आने व जाने वाली ट्रेनें प्रभावित रहीं। कई ट्रेनें रद कर दी गई तो कई का मार्ग परिवर्तित करना पड़ा।