गोधराकांड: विदेशियों को जिंदा जलाने के सभी आरोपी बरी
2002 के गुजरात दंगे में तीन ब्रिटिश नागरिकों और उनके भारतीय ड्राइवर को जिंदा जलाने के मामले में विशेष अदालत ने शुक्रवार को सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया। 28 फरवरी, 2002 को साबरकांठा हिम्मतनगर की प्रांतिज तहसील के वडवासा गांव के पास दंगाइयों ने तीन ब्रिटिश नागरिकों सहित
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। 2002 के गुजरात दंगे में तीन ब्रिटिश नागरिकों और उनके भारतीय ड्राइवर को जिंदा जलाने के मामले में विशेष अदालत ने शुक्रवार को सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया। 28 फरवरी, 2002 को साबरकांठा हिम्मतनगर की प्रांतिज तहसील के वडवासा गांव के पास दंगाइयों ने तीन ब्रिटिश नागरिकों सहित चार व्यक्तियों को जिंदा जला दिया था।
हिम्मतनगर के प्रधान जिला न्यायाधीश आइसी शाह ने सुबूतों के अभाव में सभी छह आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया। 182 पेज के फैसले में न्यायाधीश ने कहा कि एसआइटी ने अपने निष्कर्ष पर पहुंचने में कई बार भावनात्मक तर्को का सहारा लिया है।
न्यायालय ने फैसले में अभियुक्तों को शंका का लाभ देते हुए कहा कि फरियादी आरोप साबित करने में असफल रहे हैं। इस घटना में एक व्यक्ति बचने में सफल रहा था। वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से उसका बयान भी लिया गया था।
उसके बयान के आधार पर पुलिस ने छह लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उसके बाद पीडि़तों की मांग पर उच्चतम न्यायालय ने दंगों के 11 मामलों की जांच के लिए 2006 में विशेष जांच दल गठित किया था। उनमें से एक मामला यह भी था।
नरोदा पाटिया मामले में एक और को जमानत
इस मामले में मीठा पटेल, चंद्रप्रभु पटेल, मनोज पटेल, कालाभी पटेल, राकेश पटेल और रमेश पटेल के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी। घटना के 13 साल बाद न्यायाधीश ने इस मुकदमे के इन सभी अभियुक्तों को बरी करने का फैसला सुनाया।