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हीराखंड एक्सप्रेस हादसे में साजिश की आशंका, 39 मरे

पहली नजर में हादसे का कारण पटरी का टूटा होना माना जा रहा है। दुर्घटनास्थल पर पटरी टूटी हुई मिली है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sun, 22 Jan 2017 09:22 PM (IST)Updated: Mon, 23 Jan 2017 04:29 AM (IST)
हीराखंड एक्सप्रेस हादसे में साजिश की आशंका, 39 मरे

जागरण न्यूज नेटवर्क, भुवनेश्वर : जगदलपुर से भुवनेश्वर जा रही हीराखंड एक्सप्रेस (18448) के पटरी से उतर जाने में भी साजिश की आशंका जताई जा रही है। रेलवे के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के विजयानगरम में जिस कुनेरू स्टेशन के पास हादसा हुआ वहां पटरी टूटी-फूटी पाई गई है। इस बीच, शनिवार रात हीराखंड एक्सप्रेस के इंजन और नौ कोच के पटरी से उतर जाने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। 62 यात्री घायल भी हैं।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुर्घटना पर गहरा शोक जताया है। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की है। रेलवे के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने बताया कि पहली नजर में हादसे का कारण पटरी का टूटा होना माना जा रहा है। दुर्घटनास्थल पर पटरी टूटी हुई मिली है। पटरी कैसे टूटी, यह जांच का विषय है।

सूत्रों के मुताबिक, रेलवे की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार इसकी जांच भी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) को सौंप सकती है। एनआइए पहले से ही बिहार के मोतिहारी में गिरफ्तार किए गए मोती पासवान व उसके दो सहयोगियों के उस दावे की जांच कर रही है, जिसमें कानपुर के पुखरायां के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस हादसे में आइएसआइ के हाथ की बात कही गई है। हाल में गिरफ्तार आइएसआइ के कारिंदों से आंध्र प्रदेश रेल हादसे के बारे में भी पूछताछ की गई।

सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि आंध्र प्रदेश रेल हादसे में भी कहीं आइएसआइ का हाथ तो नहीं है। रविवार को गुजरात एटीएस के पुलिस निरीक्षक चिराग बी टंडेल व कृपाल पी गोलेटर ने मोती पासवान, उमाशंकर पटेल व मनोज यादव से पूछताछ की। उधर ओडिशा के डीजीपी केवी ¨सह ने कहा है कि हीराखंड एक्सप्रेस के बेपटरी होने में अब तक नक्सलियों का हाथ होने की कोई सूचना नहीं है। इस बीच, रेलवे ने मरने वाले के परिवारों को दो लाख, गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार एवं सामान्य रूप से घायलों को 25 हजार रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। वहीं आंध्र प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की है।

कानपुर ट्रेन हादसा :

कानपुर के पुखरायां में ट्रेन हादसे को अंजाम देने के लिए आइएसआइ कारिंदा मोतीलाल कुकर बम ले गया था। उसने जांच एजेंसी की पूछताछ में रविवार को इसका पर्दाफाश किया है। मोतीलाल ने बताया कि गोरखपुर में उसे कुकर बम दिया गया था। इसे लेकर पहले बनारस गया। वहां से मिले संकेत के तहत कुकर बम को सुरक्षित कानपुर पहुंचा दिया। इस काम में आठ लोग और शामिल थे। उसने बताया कि रक्सौल से वह पैसेंजर ट्रेन से मोती, गजेंद्र, राकेश, ब्रजकिशोर गिरि उर्फ गिरि बाबा, मोजाहिर व दो नेपाली युवकों के साथ गया।

सुगौली से लंबी दूरी की पैसेंजर ट्रेन से गोरखपुर पहुंचा। वहां आठ किलोग्राम वजन का कुकर और एक बैग उसे दिया गया। इसे कानपुर पहुंचाना था। कानपुर में बताए गए स्थान पर दोनों सामान पहुंचा दिए। बैग में कटर व अन्य औजार थे।

पूछताछ के दौरान पता चला किगजेंद्र के सेलफोन से ब्रजकिशोर ने कोड में मोतीलाल से बात की थी। इस दौरान उसने कानपुर में वारदात करने की बात बताई थी। पुलिस अब वॉयस जांच कराने की तैयारी में है। जांच टीम अब लगातार नेपाल के कलैया निवासी व दुबई में बैठे सरगना शम्सुल के कनेक्शन में रहने वाले भारत, नेपाल व पाकिस्तान के का¨रदों की तलाश कर रही है।

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