कांग्रेस का नकारात्मक रवैया अर्थव्यवस्था को पहुंचा रहा चोट: अरुण जेटली
संसद में लगातार हो रहे गतिरोध पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर कहा कि कांग्रेस का नकारात्मक विरोध अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा रहा है। कांग्रेस राजनीतिक कारणों से भले ही सरकार से परेशान हो, लेकिन उसे यह इस बात को स्वीकार कर लेना चाहिए कि उसके
नई दिल्ली। संसद में लगातार हो रहे गतिरोध पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर कहा कि कांग्रेस का नकारात्मक विरोध अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा रहा है। कांग्रेस राजनीतिक कारणों से भले ही सरकार से परेशान हो, लेकिन उसे यह इस बात को स्वीकार कर लेना चाहिए कि उसके नकारात्मक विरोध से देश और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा।
दूसरी तरफ, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस के लिए सम्मानजनक स्थिति यही है कि वह संसद में बहस करे। उन्होंने कहा कि यदि मानसून सत्र में कामकाज नहीं हो पाता है, तो इसके लिए सीधे-सीधे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को जिम्मेदार माना जाएगा। कांग्रेस के सांसद सोनिया गांधी के सामने लोकसभा अध्यक्ष की ओर तख्तियां उछालते हैं। ऐसे में यदि गतिरोध बना रहता है, तो इसकी जिम्मेदारी सोनिया की ही होगी।
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भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने विदेश मंत्री का इस्तीफा मांगकर खुद को ऐसी स्थिति में कर लिया है, जहां से निकलने का सम्मानजनक रास्ता सिर्फ संसद में बहस करने का है। प्रधानमंत्री के बयान की मांग को गैरजरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि जब कभी जरूरत पड़ी है, उन्होंने सदन में बयान दिया है। इसके जवाब में कांग्रेस ने सरकार और भाजपा पर जोरदार पलटवार किया।
जीएसटी पर आमने-सामने
वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी पर कांग्रेस की असहमति के सभी आठ मुद्दों का बिंदुवार जवाब दिया। जेटली ने फेसबुक पर एक पोस्ट में लिखा कि क्या कांग्रेस ने अपने अवरोधक रवैये की वजह से नकारात्मक भूमिका अपना ली है? संसद चल नहीं पा रही है और इन बिंदुओं को स्पष्ट करने का कोई तरीका नहीं है। इसलिए वह तथ्यों को जनता के समक्ष रख रहे हैं।
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अरुण जेटली
-कांग्रेस जिस आधार पर विधेयक का विरोध कर रही है, संप्रग के पी. चिदंबरम और प्रणब मुखर्जी ने कभी उनका समर्थन नहीं किया।
-कई कांग्रेस शासित राज्यों ने भी इसका समर्थन किया है।
-मौजूदा सरकार ने विधेयक में खास बदलाव नहीं किए हैं और यह अब भी वैसा ही है जैसा पूर्ववर्ती संप्रग सरकार ने तैयार किया था।
आनंद शर्मा
-वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गैरजरूरी और उकसाऊ बात कही है। इससे स्पष्ट है कि सरकार गतिरोध खत्म करने के लिए गंभीर नहीं है।
-संसद न चलने की वजह प्रधानमंत्री का अहंकार और हठता है।
-जवाबदेही, शिष्टाचार और ईमानदारी के संबंध में प्रधानमंत्री और भाजपा के पाखंड को उजागर करना कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी है।
जीएसटी का सफर
-पी चिदंबरम ने 2006-07 के बजट भाषण में पहली बार जीएसटी का विचार दिया
-2011 में प्रणब मुखर्जी ने जीएसटी के लिए 115वां संविधान संशोधन विधेयक संसद में पेश किया
-अगस्त 2013 में संसदीय समिति ने इस विधेयक पर विचार करने के बाद रिपोर्ट दी
-15वीं लोक सभा की अवधि पूरी होने के कारण यह विधेयक खत्म हो गया।
-राजग सरकार सत्ता में आने के बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 122वां संविधान संशोधन पेश किया
-एक अप्रैल 2016 से जीएसटी लागू करने का है प्रस्ताव