3 जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से सरकार को मिलेंगे एक लाख करोड़ रुपये
केंद्र सरकार ने बुधवार को 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य 3,705 प्रति मेगाहर्ट्ज तय कर दिया। माना जा रहा है कि सरकार को इसकी नीलामी से ही लगभग 17,000 करोड़ रुपये प्राप्त हो सकते हैं। 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी चार मार्च से शुरू होगी। इसलिए सरकार
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। केंद्र सरकार ने बुधवार को 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य 3,705 प्रति मेगाहर्ट्ज तय कर दिया। माना जा रहा है कि सरकार को इसकी नीलामी से ही लगभग 17,000 करोड़ रुपये प्राप्त हो सकते हैं। 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी चार मार्च से शुरू होगी। इसलिए सरकार को इससे प्राप्त होने वाली धनराशि से चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे की भरपायी करने में मदद मिलेगी। वैसे 3जी और 2जी स्पेक्ट्रम दोनों की नीलामी से सरकार को लगभग एक लाख करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस आशय के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। बैठक के बाद संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा कि सरकार ने 2जी और 3जी दोनों तरह के स्पेक्ट्रम की नीलामी के लिए जो न्यूनतम आरक्षित मूल्य रखा है उससे 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त होंगे। वहीं, सूत्रों का कहना है कि दोनों तरह के स्पेक्ट्रम से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त हो सकती है।
हालांकि 2जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से चालू वित्त वर्ष में सरकार को 16,000 करोड़ रुपये तथा 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी से 5,793 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। बाकी धनराशि अगले वित्त वर्ष 2015-16 मंे हासिल होगी। इस तरह स्पेक्ट्रम की नीलामी से प्राप्त होने वाली धनराशि से सरकार को राजकोषीय घाटे की भरपायी करने में मदद मिलेगी। चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.1 प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य है।
प्रसाद ने कहा कि सरकार ने आखिरी बार 3जी स्पेक्ट्रम की नीलामी 2010 मंे की थी। उस समय इसका न्यूनतम आरक्षित मूल्य 700 करोड़ रुपये प्रति मेगाहर्ट्ज था, जबकि सरकार ने प्रति मेगाहर्ट्ज 3,350 करोड़ रुपये प्राप्त किए। यही वजह है कि इस बार 3जी स्पेक्ट्रम के आरक्षित मूल्य में लगभग पांच गुना वृद्धि की गई है।