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मोदी सरकार का पावर पंच, राजीव के नाम की बिजली योजना होगी खत्म

बिजली के क्षेत्र में सुधारों को नई रफ्तार देते हुए मोदी सरकार ने बृहस्पतिवार को एक के बाद एक कई ऐसे फैसले लिए जो हर घर तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने में अहम साबित हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जहां ग्रामीण क्षेत्रों के

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Fri, 21 Nov 2014 04:48 AM (IST)Updated: Fri, 21 Nov 2014 08:10 AM (IST)

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। बिजली के क्षेत्र में सुधारों को नई रफ्तार देते हुए मोदी सरकार ने बृहस्पतिवार को एक के बाद एक कई ऐसे फैसले लिए जो हर घर तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने में अहम साबित हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में जहां ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना लागू करने का फैसला लिया गया वही शहरी क्षेत्रों में बिजली संचरण (ट्रांसमिशन) व वितरण की स्थिति सुधारने के लिए नई समेकित बिजली विकास योजना (आइपीडीएस) को मंजूरी दे दी गई। कैबिनेट ने बिजली क्षेत्र के लिए कुल 80,756 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

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अब दीनदयाल के नाम पर योजना

सरकार ने राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आरजीजीवीआइ) को समाप्त कर इस के स्थान पर दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (डीडीयूजीजेवाइ) को मंजूरी दे दी। इसके लिए 43,033 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। यह रकम आरजीजीवीआइ के लिए आवंटित 39,275 करोड़ रुपये के अतिरिक्त होगी। डीडीयूजीजेवाइ मौजूदा 12वीं योजना के बचे हुए वर्षों और 13वीं योजना के लिए मंजूर की गई है। आरजीजीवीआइ के लिए आवंटित जो राशि बचेगी वह अलग से इस योजना को मिलेगी। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति को बेहतर बनाएगी और गांवों के घरों में तेजी से बिजली कनेक्शन देने का काम करेगा। साथ ही गांवों में कृषि और गैर-कृषि क्षेत्र के लिए अब अलग- अलग फीडर होंगे।

शहरों के लिए नई आइपीडीएस

सरकार ने शहरों में संचरण व वितरण को मजबूत बनाने के लिए नई समेकित बिजली विकास योजना (आइपीडीएस) को भी मंजूरी दी है। इसके लिए 32,612 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। संप्रग सरकार के कार्यकाल में 44,011 करोड़ रुपये से ऐसी योजना लागू की गई थी। इसके तहत अभी 22,727 करोड़ रुपये बचे हुए हैं जिसे नई आइपीडीएस में जोड़ दिया जाएगा। बृहस्पतिवार को दी गई राशि इसके अतिरिक्त है। नई योजना से शहरों में वितरण व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।

पूर्वोत्तर पर भी फोकस

कैबिनेट ने पूर्वोत्तर के छह राज्यों- असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, त्रिपुरा और नगालैंड में अंतरराज्यीय संचरण और वितरण प्रणाली को बेहतर व मजबूत बनाने के लिए 5111.33 करोड़ रुपये की योजना मंजूर की। इस परियोजना के तहत पूर्वोत्तर के राज्यों में 33 केवी की संचरण लाइन की जगह 132 केवी से 220 केवी की क्षमता वाली संचरण लाइनें बिछाई जाएंगी। केंद्र के इस कदम से पूर्वोत्तर के राज्यों में प्रति व्यक्ति बिजली का उपभोग बढ़ेगा।

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