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आशियाना बनाने में केंद्र सरकार करेगी मदद

सरकार चाहती है कि सभी के सिर पर एक छत हो। इसी को देखते हुए वह गरीबों को हाउसिंग लोन पर ब्याज सब्सिडी देने की योजना बना रही है। इस मदद से न केवल गरीबों का अपने घर का सपना पूरा होगा, बल्कि रीयल एस्टेट क्षेत्र में मांग को भी

By manoj yadavEdited By: Published: Mon, 24 Nov 2014 08:39 PM (IST)Updated: Tue, 25 Nov 2014 12:06 AM (IST)
आशियाना बनाने में केंद्र सरकार करेगी मदद

नई दिल्ली। सरकार चाहती है कि सभी के सिर पर एक छत हो। इसी को देखते हुए वह गरीबों को हाउसिंग लोन पर ब्याज सब्सिडी देने की योजना बना रही है। इस मदद से न केवल गरीबों का अपने घर का सपना पूरा होगा, बल्कि रीयल एस्टेट क्षेत्र में मांग को भी बढ़ाया जा सकेगा।

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बिल्डरों के संगठन क्रेडाई के कॉन्क्लेव में पहुंचे शहरी आवास एवं गरीबी उन्मूलन मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि जल्द ही कैबिनेट की मंजूरी के लिए रीयल एस्टेट डेवलपमेंट एंड रेगुलेशन बिल आएगा। उम्मीद है कि बजट सत्र तक प्रस्तावित कानून वास्तविकता का रूप ले लेगा।

कार्यक्रम के इतर नायडू ने बताया कि सरकार आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और निम्न आय समूह (एलएआइजी) की खातिर हाउसिंग क्षेत्र के लिए ब्याज सब्सिडी की योजना लाने की तैयारी में है। निम्न मध्य वर्ग के लोगों को भी कुछ फायदा मिलेगा। सरकार ब्याज दरों में कटौती की दिशा में बढ़ रही है।

यह स्कीम कब तक लाई जाएगी? इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि ब्याज सब्सिडी की स्कीम नई आवास नीति का हिस्सा होगी। सरकार को नई आवास नीति को लांच करना है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2012 में 1.87 करोड़ मकानों की कमी थी। इनमें से 95 फीसद ईडब्ल्यूएस/एलआइजी श्रेणी के थे। ऊंची ब्याज दरों और प्रॉपर्टी की आसमान छूती कीमतों के चलते रीयल एस्टेट क्षेत्र में मांग में सुस्ती बनी हुई है। मंजूरी की सिंगल विंडो व्यवस्था के सवाल पर नायडू का कहना था कि इन्हें आसान और त्वरित बनाया जाएगा। रीयल एस्टेट रेगुलेटरी बिल पर उन्होंने कहा कि यह परामर्श के अंतिम चरण पर है। यह बिल बीते साल अगस्त में राज्य सभा में पेश किया गया था। इसमें जालसाज बिल्डरों से खरीदारों को बचाने के प्रावधान किए गए हैं। बिल पर इस साल फरवरी में संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

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