सरकार ने कंपनियों से कहा: ग्राहकों को दें जीएसटी में कटौती का फायदा
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड यानी सीबीईसी की अध्यक्ष वनजा एन सरना ने इस संबंध में 100 शीर्ष एफएमसीजी कंपनियों को पत्र लिखकर यह आग्रह किया है।
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। जीएसटी की दरें घटाने के बाद सरकार अब टैक्स में कटौती का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने में जुट गयी है। इसी दिशा में कदम उठाते हुए वित्त मंत्रालय ने मैकडॉनाल्ड और डॉमिनोज जैसी रेस्टोरेंट चेन सहित तकरीबन 100 बड़ी एफएमसीजी कंपनियों को टैक्स में कटौती के अनुरूप उनके उत्पादों की कीमतें घटाने को कहा है।
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड यानी सीबीईसी की अध्यक्ष वनजा एन सरना ने इस संबंध में 100 शीर्ष एफएमसीजी कंपनियों को पत्र लिखकर यह आग्रह किया है।
सरकार की ओर से यह अपील जीएसटी काउंसिल की 10 नवंबर को गुवाहाटी में हुई बैठक में 215 वस्तुओं पर जीएसटी की दरें कम करने का फैसले फैसले के कुछ दिन बाद की गयी है। इस बैठक में 178 वस्तुएं ऐसी हैं जिन पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत किया गया था। वहीं रेस्टोरेंट में खाने पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है। ये दरें 15 नवंबर से लागू हुई हैं। जीएसटी की दरों में कटौती से सरकार के खजाने पर लगभग 20 हजार करोड़ रुपये का भार पड़ने की संभावना है।
हालांकि जीएसटी काउंसिल के इस फैसले के बाद इस तरह की शिकायतें आयीं हैं कि कुछ कंपनियों और रेस्टोरेंट ने अपने उत्पादों का मूल्य बढ़ा दिया है जिसके चलते टैक्स में कटौती का फायदा ग्राहकों को नहीं मिल पा रहा है। यही वजह है कि सरकार को यह चिट्ठी भेजने की जरूरत पड़ी है।
सरमा ने उद्योग जगत को लिखे पत्र में कहा कि सरकार ने आम लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए जीएसटी की दरों में कटौती का फैसला किया है, इसलिए वे भी उनके उत्पादों की कीमतें कम कर लोगों को इसका फायदा पहुंचाएं। साथ ही कीमतों में कटौती के बारे में व्यापक प्रचार भी करें। उद्योग जगत का यह कानूनी दायित्व भी बनता है। उन्होंने इन कंपनियों को यह भरोसा भी दिलाया है कि सरकार उद्योगों के लिए कारोबार की प्रक्रिया सुगम बनाने के लिए कदम उठाती रहेगी।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने पिछले हफ्ते ही नेशनल एंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी के गठन को भी मंजूरी दी है। यह प्राधिकरण इस बात पर नजर रखेगा कि जीएसटी में कटौती का फायदा आम ग्राहकों तक पहुंचे।
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