Move to Jagran APP

सरकार के तीन साल, बदलाव के लिए किसी से भी टक्कर लेने को तैयार

केंद्र की मोदी सरकार के साहसिक फैसलों का भाजपा को खूब मिला लाभ है।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 04:56 AM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 06:02 AM (IST)
सरकार के तीन साल, बदलाव के लिए किसी से भी टक्कर लेने को तैयार
सरकार के तीन साल, बदलाव के लिए किसी से भी टक्कर लेने को तैयार

आशुतोष झा, नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी सरकार के लिए पहले दिन से जो मापदंड रखा गया था वह पूरी तरह बदल चुका है। अपेक्षा की जगह भरोसे ने ले ली है। पर सरकार में कोई बदलाव नहीं है। वह जस की तस खड़ी है। पहले दिन से सक्रिय, संवेदनशील और आक्रामक। सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार के तीन साल इन्हीं तीन बिंदुओं पर परखे जा सकते हैं।

loksabha election banner

कामकाज बदला, प्रक्रिया बदली, कई चेहरे भी बदले। सिर्फ यह सुनिश्चित करने के लिए कि सोच समय के साथ बदले, रफ्तार तेज हो और छवि बेदाग रहे। तीन साल पूरा होते होते मोदी सरकार ने यह भी साबित कर दिया है कि जरूरत पड़ी तो समाज में बदलाव के लिए वह उन मुद्दों से भी दो दो हाथ करने को तैयार हैं जो विवादास्पद भी रहे हैं और छवि पर खरोचें भी लगा सकते हैं।

सरकार तीन साल की उपलब्धियों का खाका जल्द ही पेश करने वाली है। गरीब और समाज का पिछड़ा वर्ग सरकार की प्राथमिकता में है। बेशक भाजपा को खूब फायदा भी मिला है। ऐसे में आने वाले दो साल में सरकार का गरीबोन्मुखी चेहरा थोड़ा और प्रबल होकर दिख सकता है। एक नजीर देखिए- भाजपा शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री सामने बैठे हैं और प्रधानमंत्री कहते हैं- 'आप लोग सोचिए कि आम जनता को बीमा का पैसा बिना किसी अड़चन के तत्काल कैसे मुहैया हो सकता है? सरकार को कैसे सक्रिय होना चाहिए।' बंद कमरे में प्रधानमंत्री की यह चिंता स्पष्ट कर देती है कि सरकार किस दिशा में सोच रही है।

सरकार का कदम चुनावी भले न हो लेकिन भाजपा के लिए इसका राजनीतिक अर्थ भी है। खासकर तब जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैर मौजूदगी में भाजपा गुजरात मे पांचवें कार्यकाल के लिए लड़ने वाली है। तो कर्नाटक के साथ ही दक्षिण में पैर फैलाने की चुनौती भी आने वाली है। ओडिशा के स्थानीय चुनावों में बड़े फतह के बाद यह साबित करना बाकी है भाजपा के लिए स्थिति तब भी नहीं बदलेगी जब विपक्षी दल एकजुट होंगे।

बहरहाल, अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि यही है कि 'संदेश' जमीं तक पहुंच गया है। कुशल नेता की तरह प्रधानमंत्री मोदी यह संदेश देने में सफल रहे हैं कि वह जटिल और भयानक परिस्थितियों से लोहा लेने को तैयार हैं। पिछले एक साल की बात करें तो सर्जिकल स्ट्राइक और नोटबंदी से लेकर गौ रक्षक और तीन तलाक के मुद्दों पर उनके बेबाक फैसले व बयान संवेदनशील भी थे और आक्रामक भी। सबसे हाल के फैसलों से शुरूआत की जाए तो तीन तलाक के मुद्दे पर सरकार ने वह कर दिखाया है जो समाज सुधारकों का काम माना जाता था। फैसला कोर्ट को देना है। सरकार इसे राजनीतिक मुद्दा मानती भी नहीं है लेकिन यह भी सच है कि मुस्लिम महिलाओं के प्रति 'संवेदनशीलता' ने राजनीतिक बाजी भी मारी है।

दरअसल, परोक्ष रूप से इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि सरकार ने समान नागरिक संहिता जैसे विवादित मुद्दों को सुलझाने का संकेत दिया है। फिलहाल यह मामला विधि आयोग के पास लंबित है। पिछले ही साल गौ रक्षकों के बाबत भी प्रधानमंत्री ने जितना सख्त बयान दिया था वह सामान्यतया अपेक्षित नहीं था। जाहिर है दोनों मामलों में सरकार ने एक मापदंड खड़ा कर दिया है। दरअसल, आक्रामकता सरकार का ट्रेडमार्क बनकर उभरी है। और किसी भी स्तर पर ऐसा नहीं हुआ कि वह आक्रामकता आम जन के छोटे ही सही किसी हिस्से को न छुआ हो। कश्मीर को सरकार मुखर ही नहीं रही बल्कि यह संदेश देने से भी नहीं चूकी कि वह पाक अधिकृत कश्मीर को भी अपने नियंत्रण में लाने के लिए सक्ति्रय है। तो पहली बार भीमकाय चीन से भी आंखों मे आखें डालकर बात की जा रही है। हालांकि इन वर्षों में नेपाल से लेकर रूस तक के पुराने दोस्तों को लेकर कुछ ऐसी घटनाएं भी हुई जो सरकार को बहुत रास नहीं आई।

वर्तमान कार्यकाल के दो साल बाकी है। पर विपक्ष की राजनीतिक दशा और सरकार व भाजपा की सक्रियता के कारण दोबारा सत्ता में वापसी का आत्मविश्र्वास प्रचंड है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री बार बार 2022 तक स्वतंत्रता संग्राम के 75वें साल को विकास का बेंचमार्क भी बनाने की अपील करते रहे हैं। छिपा संदेश सार्वजनिक है- यह काम भाजपा ही कर सकती है।

यह भी पढ़ें: भारत के सहयोग से ईरान में बन रहे चाबहार पोर्ट से जुड़ेगा कंडला पोर्ट: पीएम

यह भी पढ़ें: पाक को ट्रंप ने दिया दोहरा झटका, भारत को बताया आतंक प्रभावित देश


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.