चीनी उद्योग को जल्द मिलेगा राहत पैकेज
गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं होने से परेशान किसानों और भारी घाटे के दौर से गुजर रहे चीनी उद्योग के लिए सरकार जल्दी ही राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है। प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने चुस्ती दिखाई है। वहीं, गन्ना किसानों
नई दिल्ली। गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं होने से परेशान किसानों और भारी घाटे के दौर से गुजर रहे चीनी उद्योग के लिए सरकार जल्दी ही राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है। प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने चुस्ती दिखाई है। वहीं, गन्ना किसानों की दिक्कतों को दूर करने की दिशा में भी पहल कर दी गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संबंधित मंत्रियों की बैठक के बाद गन्ना किसानों और चीनी उद्योग की समस्याओं के निदान की संभावना बढ़ गई है। गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर करीब 21 हजार करोड़ रुपये बकाया है। इसे लेकर किसानों में भारी आक्रोश है। सूत्रों के मुताबिक राहत पैकेज में तीन प्रमुख मांगों को हरी झंडी मिल गई है। बफर स्टॉक बनाने की सबसे बड़ी मांग पूरी हो सकती है। इसमें चीनी के कुल उत्पादन का 10 फीसद बफर स्टॉक में रखा जाएगा।
यूरोप, अमेरिका के लिए चीनी निर्यात के नियमों में ढील
समस्या के समाधान के लिए एथनॉल के उत्पादन पर जोर देने को सरकार की हरी झंडी मिल जाने की संभावना है। चीनी उद्योग की तीसरी सबसे बड़ी मांग पूर्व में लिए गए कर्ज की अदायगी की शर्तो में ढील देने और भुगतान की अवधि को लेकर है। इसे मान लिए जाने की उम्मीद है।
सूत्रों ने बताया कि इन मांगों से संबंधित कैबिनेट प्रस्ताव को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) की मंजूरी मिल जाएगी। बताया गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक में स्पष्ट रूप से समस्या की गंभीरता के बारे में सवाल पूछा। हाई लेवल कमेटी के मंत्रियों के 'बहुत जरूरी' बताने पर उन्होंने कहा कि अगले दो तीन दिनों के भीतर इस पर अमल हो जाना चाहिए।
हाई लेवल कमेटीं में शामिल वित्तमंत्री अरुण जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, खाद्य मंत्री राम विलास पासवान, कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और वाणिज्यमंत्री निर्मला सीता रमन ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक में हिस्सा लिया।
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सरकार ने ढीले किए एक्सपोर्ट मानक
सरकार ने यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका के लिए चीनी एक्सपोर्ट के मानकों में ढील दे दी है। इससे अब कोई भी व्यापारी और फर्म के लिए ईयू और अमेरिका को कोटा सिस्टम के तहत चीनी एक्सपोर्ट कर पाएगा। इससे पहले सरकार ने इंडियन शुगर एक्जिम कॉरपोरेशन को अमेरिका व ईयू को चीनी एक्सपोर्ट करने की इजाजत दी थी। इस कोटा प्रणाली के तहत कम टैरिफ पर चीनी एक्सपोर्ट की मंजूरी दी थी।