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नकदी संकट से उबरने को सीएससी की मदद लेने पर विचार

सूत्रों का कहना है कि प्रसाद और गोयल की उपस्थिति में हुई इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी शाम को इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया।

By Manish NegiEdited By: Published: Mon, 21 Nov 2016 09:32 PM (IST)Updated: Mon, 21 Nov 2016 10:15 PM (IST)

नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। 500 रुपये और 1000 रुपये के पुराने नोट बंद करने के बाद खड़े हुए नकदी संकट से लोगों को राहत पहुंचाने के इरादे से कॉमन सर्विस सेंटर के इस्तेमाल पर विचार कर रही है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए केंद्र ग्रामीण क्षेत्र में नकदी उपलब्ध कराने तथा कैशलैस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सीएससी का सहारा लिया जा सकता है। माना जा रहा है कि जल्द ही इस संबंध में उपायों की घोषणा की जा सकती है। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी इस संबंध में कोई निर्णय नहीं हुआ है।

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सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री कार्यालय के निर्देश पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद और बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने एक उच्च स्तरीय बैठक कर ग्रामीण क्षेत्रों में नकदी उपलब्ध कराने और कैशलैस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए सीएससी के नेटवर्क के इस्तेमाल पर विचार विमर्श हुआ। हालांकि इनका इस्तेमाल किस तरह किया जाएगा इस संबंध में आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है।

फिलहाल सीएससी कई तरह की बैंकिंग सुविधाएं देते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में हुई इस बैठक में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव, विनिवेश विभाग के सचिव, कॉमन सर्विस सेंटर के प्रभारी अधिकारी, तथा आधार और एनआइसी के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। सूत्रों का कहना है कि प्रसाद और गोयल की उपस्थिति में हुई इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी शाम को इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया। सूत्रों ने कहा कि देशभर में कॉमन सर्विस सेंटर के नेटवर्क को पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें उपलब्ध कराकर नकदी उपलब्ध कराने पर भी विचार किया गया।

उल्लेखनीय है कि देश में 1,57,000 कॉमन सर्विस सेंटर हैं। सरकार ने इनकी संख्या बढ़ाकर ढाई लाख करने का लक्ष्य रखा है। सरकार का उद्देष्य है कि देश की सभी पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर की सुविधा उपलब्ध हो।

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