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सीमा पर चौकस जवानों को सरकार का निर्देश, जवाबी कार्रवाई में गोलियां न गिनें

सरकार की ओर से सुरक्षाबलों को साफ निर्देश दिया गया है कि जवाबी कार्रवाई में गोली गिनने की जरूरत नहीं है।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 21 Oct 2016 09:18 PM (IST)Updated: Sat, 22 Oct 2016 03:40 AM (IST)
सीमा पर चौकस जवानों को सरकार का निर्देश, जवाबी कार्रवाई में गोलियां न गिनें

नई दिल्ली, (जागरण ब्यूरो)। कुछ दिन पहले ही केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रीकर ने एलान किया था, 'आतंकी नहीं सुधरेंगे तो हम फिर से घर में घुसकर मारेंगे।' सर्जिकल स्ट्राइक के एक महीने में ही जम्मू में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सात पाकिस्तानी रेंजरों के साथ ही एक आतंकी को मार गिराकर सरकार ने राजनीतिक बढ़त भी बना ली है।

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यह अनुमान भी लगाया जा रहा है कि अगर पाकिस्तान की ओर से कोई कार्रवाई हुई तो भारतीय सैनिक और सुरक्षा बल यह जरूर सुनिश्चित करेंगे कि बड़ा नुकसान पाकिस्तान का हो। सुरक्षा बलों और सेना को निर्देश है कि जवाबी कार्रवाई में गोलियां न गिनें। कार्रवाई पूरे बल के साथ हो।

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सर्जिकल स्ट्राइक राजनीतिक मुद्दा भी बन गया है। बदले की कार्रवाई में यूं तो पहले भी बीएसएफ ने पाक रेंजरों को जवाब दिया है लेकिन इस बार का जवाब करारा है। बीएसएफ का एक जवान घायल हुआ तो भारत की ओर से उनके सात रेंजर मार गिराए गए। ध्यान रहे कि सरकार की ओर से सुरक्षाबलों को साफ निर्देश दिया गया है कि जवाबी कार्रवाई में गोली गिनने की जरूरत नहीं है।

बताते हैं कि सीमा पर चौकस जवानों तक यह स्पष्ट संकेत है और इसी कारण उनका मनोबल भी दुरुस्त है। ऐसे में आने वाले दिनों में भी इस तरह की घटनाएं हो सकती हैं। जाहिर है कि आगामी चुनाव में अब खुलकर यह भी बड़ा मुद्दा बन सकता है।

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