5 रुपए में की करियर की शुरुआत, वी. शांताराम के जन्मदिन पर गूगल ने ऐसे दिया सम्मान
16 साल की उम्र में मात्र पांच रुपए मासिक पर वी. शांताराम ने टीन शेड वाले सिनेमा हाल में अपने करियर की शुरुआत की।
नई दिल्ली (जेएनएन)। प्रख्यात फिल्मकार वी. शांताराम का जन्मदिन 1901 में आज के ही दिन महाराष्ट्र के कोल्हापुर में जन्म हुआ था। 16 साल की उम्र में मात्र पांच रुपए मासिक पर उन्होंने टीन शेड वाले सिनेमा हाल में अपने करियर की शुरुआत की। 1925 में बतौर अभिनेता एक फिल्म की। 1927 में फिल्म 'नेताजी पालकर' का निर्देशन किया। अब जमाना बोलती फिल्मों का आ चुका था। 1946 में उनकी फिल्म शकुंतला 104 हफ्ते चली। 1957 में आई फिल्म 'दो आंखें बारह हाथ' को अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली। उनकी आखिरी फिल्म 'झांझर' थी। उन्हें पद्मविभूषण व दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया।
कहे जाते हैं सिनेमा जगत के पितामह
भारतीय सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले वी. शांताराम का मूल नाम राजारम वानकुदरे शांताराम था। आज उनका 116वां जन्मदिवस है। इस मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर उनके समर्पित किया है। महाराष्ट्र के कोल्हापुर में जन्मे वी. शांताराम का रुझान बचपन से ही फिल्मों की तरफ था। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण उन्होंने बचपन में ही पढ़ाई छोड़ दी। फिल्मों की दुनिया में कदम उन्होंने 1920 में रखा, वे बाबू राव पेंटर की 'महाराष्ट्र फिल्म कंपनी' से जुड़कर फिल्म बनाने की बारीकियां सीखीं। एक साल बाद 1921 में उन्हें मूक फिल्म 'सुरेख हरण' में बतौर अभिनेता काम करने का मौका मिला। 1929 में उन्होंने अपनी प्रभात कंपनी फिल्म्स की स्थापना की जो आज भी काफी प्रसिद्ध है। इसके बैनर तले उन्होंने खूनी खंजर, रानी साहिबा और उदयकाल सरीखी फिल्में बनाईं। अपने कंपनी के बानर तले शांताराम ने लगभग 50 फिल्मों का निर्माण किया। 30 अक्टूबर 1990 को वे दुनिया को अलविदा कह गए।
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