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बिसाहड़ा पर रिपोर्ट में गोमांस शब्द से परहेज, नेताओं पर टिप्पणी नहीं

उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र को गौतमबुद्धनगर के बिसाहड़ा की मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट भेज दी है। इसमें गोमांस की जगह 'प्रतिबंधित जानवर के मांस' का जिक्र है। रिपोर्ट में घटनाक्रम के साथ अब तक की कार्रवाई और सतर्कता का ब्योरा है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2015 09:05 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2015 09:26 PM (IST)

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने केंद्र को गौतमबुद्धनगर के बिसाहड़ा की मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट भेज दी है। इसमें गोमांस की जगह 'प्रतिबंधित जानवर के मांस' का जिक्र है। रिपोर्ट में घटनाक्रम के साथ अब तक की कार्रवाई और सतर्कता का ब्योरा है। मौके पर गये कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल, माकपा की बृंदा करात, भाजपा विधायक संगीत सोम और ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहाद उल मुसलमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी समेत विभिन्न दलों के जनप्रतिनिधियों द्वारा पीडि़त परिवार को सांत्वना देने का जिक्र है लेकिन उन पर कोई टिप्पणी नहीं की गयी है। इस घटना में जाम, पथराव, तोडफ़ोड़ करने वाले 15-20 लोगों के खिलाफ की गयी कानूनी कार्रवाई की जानकारी दी गयी है। जिला प्रशासन द्वारा ग्राम बिसाहड़ा, प्यावली व ऊंचा अमीपुर में प्रमुख व्यक्तियों और संभ्रांत नागरिकों के साथ की गयी बैठक और शांति सद्भाव बनाने की कोशिश तथा अफवाहों पर अंकुश लगाने के प्रयासों का रिपोर्ट में उल्लेख है। रिपोर्ट में 28/29 की रात में 10.30 बजे समुदाय विशेष के कुछ व्यक्तियों ने प्रतिबंधित पशु वध किये जाने का आरोप लगाकर अखलाक की हत्या कर दी व उसके बेटे दानिश को घायल करने का उल्लेख है। रिपोर्ट में डीएम और एसपी द्वारा संभ्रांत व्यक्तियों के साथ मिलकर बैठकों में शांति व सौहाद्र् बनाये रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील का जिक्र है। इसके अलावा तैनात पर्याप्त पुलिस बल का जिक्र कर कहा गया है कि जिला प्रशासन द्वारा दोनों समुदायों से केन्द्रीय सद्भावना समिति का गठन किया गया है। घटना के बाद इलाके में शांति और भाईचारा को पुनस्र्थापित करना ज्यादा जरूरी है। सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय को रिपोर्ट मिल गई है। घटना के बाद उठाए गए कदमों पर केंद्र पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। अतः राज्य सरकार से इस मामले पर दोबारा विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा जा सकता है।

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बिसाहड़ा कांड सुनियोजित नहीं---ग्रेटर नोएडा एलआइयू ने बिसाहड़ा कांड पर शासन को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। इसमें कहा गया है कि यह कांड सुनियोजित नहीं था। गोहत्या की अफवाह फैलने पर इकलाख और उसके बेटे दानिश के साथ मारपीट की गई। इसमें इकलाख की मौत हो गई, जबकि दानिश घायल हो गया। उसका इलाज चल रहा है। घटना को अंजाम देने में कुछ युवक शामिल थे। पहले आरोपियों ने मंदिर के लाउडस्पीकर से घोषणा कर भीड़ एकत्र की थी। अगर समय रहते ऊंचा अमीरपुर गांव के लोगों को काबू में नहीं किया जाता, तो यहां मुजफ्फरनगर जैसा दंगा हो सकता था। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि लाउडस्पीकर से गोहत्या की घोषणा नहीं होती तो यह घटना नहीं होती। इसके अलावा ऊंचा अमीरपुर के ग्रामीणों को ज्ञापन देने से इसलिए रोका गया, क्योंकि उस दिन बिसाहड़ा के आसपास के गांवों में भारी पुलिस बल तैनात था। ऐसे में भीड़ को एक साथ कहीं जाने देने पर मुजफ्फनगर दंगे जैसे हालात पैदा हो सकते थे। रिपोर्ट में दोनों समुदाय के लोगों की बात लिखी गई है


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