भगवान में आस्था के कारण पुलिस के चंगुल में फंसा हिस्ट्रीशीटर
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) की पांच लोगों की टीम ने पिछले दिनों शनिवार को अशोक पवार को गिरफ्तार किया।
By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 11:37 AM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 11:45 AM (IST)
मुंबई, जेएनएन। हिस्ट्रीशीटर अशोक पवार कई गलत धंधों में लिप्त था, लेकिन इसके साथ ही उसकी भगवान में भी आस्था थी। इसलिए हर हफ्ते वह दरगाह, गुरुद्वारे और हनुमान मंदिर में मत्था जरूर टेकने पहुंचता था। पुलिस अशोक पवार की तलाश में लंबे समय से थी। लेकिन जब पुलिस को पता चला कि वह हनुमान मंदिर आने वाला है, तो उसे जाल बिछाकर गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस को हाल ही में पता चला कि हिस्ट्रीशीटर अशोक पवार हर शुक्रवार को माहिम दरगाह, सोमवार को गुरुद्वारे और मरीन लाइन्स स्थिति हनुमान मंदिर में हर शनिवार को पहुंचता है। पिछले शनिवार को पुलिस ने अशोक पवार को हनुमान मंदिर के नजदीक से गिरफ्तार कर लिया। 60 साल का अशोक पवार एक शातिर चोर है, जो कई चोरी कर चुका है।
अशोक पवार ने पिछली चोरी दादर के सेंट्रल रेलवे चीफ पार्सल सुपरवाइजर ऑफिस के प्लेफॉर्म नंबर सात से 17 मार्च को की थी। यहां से वह एक पोर्टेबल टाटा टर्मिनल को चुरा कर ले गया था। यह मशीन कार्ड स्वैपिंग और बार कोड पढ़ने के काम में आती है। इसकी कीमत 20 हजार रुपये है। लेकिन अशोक पवार ने इसे चोर बाजार में एक कबाड़ी को सिर्फ 30 रुपये में बेच दी थी।
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (आरपीएफ) की पांच लोगों की टीम ने पिछले दिनों शनिवार को अशोक पवार को गिरफ्तार किया। पार्सल अशोक पवार ने ही चुराया है, इसका पता सीसीटीवी फुटेज से चला। सीसीटीवी फुटेज में अशोक पवार साफ नजर आ रहा था। इसके लिए पता चला कि वह दादर स्टेशन के नजदीक ही रहता है। पुलिस ने जब उस एरिया में जाकर पूछताछ की तो पता चला, अशोक काफी धार्मिक है। वह हर हफ्ते मंदिर, गुरुद्वारे और दरगाह जाता है।
पुलिस ने बताया कि अशोक पवार के बाद चोर बाजार के उस कबाड़ी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसने यह मशीन खरीदी थी। कबाड़ी ने माना है कि उसने यह मशीन अशोक से 30 रुपये में खरीदी।
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