दार्जिलिंग में सड़क पर उतरे गोजमुमो समर्थक, हिल्स पूरी तरह बंद रहा
आंदोलन के कारण दार्जिलिंग और डुवार्स के बंद का प्रभाव सिलीगुड़ी के व्यापार पर पड़ा है। बाजार में चहल-पहल नहीं है।
जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी। धारा 144 और इंटरनेट को बंद किए जाने के बाद भी गोरखालैंड आंदोलन के दौरान रविवार को सातवें दिन हिल्स पूरी तरह बंद रहा। आंदोलन के दौरान मारे गए आंदोलनकारियों के शवों के साथ दोपहर में दार्जिलिंग के चौक बाजार, सिंहमारी तथा पतलेबास में बड़ी संख्या में समर्थक सड़क पर उतरे। वहीं पेदांग में पुलिस वाहन को आग लगा दी गई। कई सरकारी कार्यालयों में तोडफ़ोड़ की भी खबर है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) सुप्रीमो विमल गुरुंग सिंहमारी से चौक बाजार तक पार्टी समर्थकों के घेरे में पहुंचे।
उन्होंने सरकार और प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पुलिस फायरिंग के विरोध में मनाए जा रहे काले दिवस को पुलिस द्वारा रोकने की कोशिश की गई तो आने वाले दिनों में आंदोलन विकराल रूप ले लेगा। वहीं आंदोलन के दौरान मारे गए युवाओं के अंतिम दर्शन करने वालों की आंखों में सरकार के खिलाफ रोष दिखाई दे रहा था। सुरक्षाकर्मी और पुलिस रक्षात्मक मूड में थी। दूसरी ओर दार्जिलिंग में फंसे हुए पर्यटक वहां से निकल नहीं पा रहे हैं। रविवार को प्रदर्शनकारियों ने अपने माथे और हाथ पर काली पट्टी बांधकर शनिवार की पुलिस फायरिंग की न्यायिक या सीबीआइ से जांच कराए जाने की मांग की। गोरखाओं को आतंकी कहने वाली ममता हाय, हाय के नारे भी लगे। पुलिस फायरिंग में मारे गए एक आंदोलनकारी का शव भी सम्मान के साथ नार्थ बंगाल मेडिकल कॉलेज से दार्जिलिंग ले जाया गया। पूरे रास्ते में उनको पुष्प देकर अंतिम विदाई दी गई।
डुवार्स में बंद का व्यापक असर पुलिस फायरिंग के विरोध में 12 घंटे के डुवार्स बंद में गा जमुमो के समर्थन वाले क्षेत्रों में व्यापक असर देखा गया। चामुर्ची, जयगांव, मदारीहाट, वीरपाडा, गोरुबथान, हासीमारा, बिन्नागुड़ी, बानरहाट, बागराकोर्ट व अलीपुरद्वार के कई क्षेत्रों में बंद असरदार रहा। यहां बाजार बंद हैं। सड़कों पर गोजमुमो समर्थक झंडा लगाकर आवागमन बंद कर दिया गया। पुलिस लगातार प्रदर्शनकारियों और बंद समर्थकों पर नजर रख रही है। उधर हिल्स के दार्जिलिंग, मिरिक, कलिंपोंग व कर्सियांग में सरकारी कायार्लय, बाजार, स्कूल व कॉलेज बंद हैं। आंदोलन के कारण दार्जिलिंग और डुवार्स के बंद का प्रभाव सिलीगुड़ी के व्यापार पर पड़ा है। बाजार में चहल-पहल नहीं है।