मोदी के दौरे के बीच सिंहद्वार पर छात्रों की गर्जना से दहला प्रशासन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बीच शांति व्यवस्था के लिए बीएचयू अधिकारी अपील करते रहे लेकिन छात्राएं बवाल करतीं रहीं। बाद में महिला आरएएफ ने मोर्चा संभाल लिया।
वाराणसी (जेएनएन)। छेड़खानी से त्रस्त बीएचयू की छात्राओं का धैर्य गुरुवार देर शाम हुई घटना के बाद जवाब दे गया। शुक्रवार को शहर में पीएम मोदी के आगमन से पूर्व सुबह बड़ी संख्या में आक्रोशित छात्राएं सड़क पर उतर आईं। बीएचयू सिंहद्वार पर उनकी गर्जना से शासन-प्रशासन हिल गया। छात्राओं के आक्रोश-आंदोलन की धमक सिर्फ काशी ही नहीं दिल्ली ने भी महसूस की। छात्राओं को सिंहद्वार से न हटता देख एसपीजी को मौके पर जाना पड़ा। छात्राओं ने करीब 12 घंटे तक सिंहद्वार बंद किए रखा, जिला-पुलिस प्रशासन के हाथ-पांव फूले रहे। त्रिवेणी और महिला महाविद्यालय के हॉस्टलों की छात्राओं ने सुबह से ही आंदोलन शुरू कर दिया। उनकी मांग थी कि कुलपति आकर उन्हें सुरक्षा के प्रति आश्वस्त करें, पर वे नहीं आए। इससे पांच मिनट में ही समाप्त होने वाला आंदोलन सुबह से रात तक चलता रहा। छात्राओं ने प्रशासन पर हास्टलों में कैद करने का भी आरोप लगाया।
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मरीजों-तीमारदारों को हुई परेशानी
एसएस अस्पताल आने वाले मरीजों को छात्राओं के आंदोलन से परेशानी झेलनी पड़ी। उन्हें नरिया गेट से होकर अस्पताल आना-जाना करना पड़ा। एंबुलेंस को जाने की छूट थी। पल-पल की अपडेट दिल्ली जा रही थी। छात्राओं द्वारा शाम को पीएम मोदी के काफिले की घोषणा के बाद सभी अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे।
गुरुवार की घटना से छलका आक्रोश
गुरुवार की शाम बीएफए द्वितीय वर्ष की एक छात्रा दृश्यकला संकाय से हास्टल की ओर जा रही थी। आरोप है कि इस दौरान भारत कला भवन के पास कुछ शोहदों ने उससे छेड़खानी की और कपड़े उतारने की कोशिश की। इस घटना से सहमी छात्रा ने बचाने की गुहार लगाई। आरोप है कि चंद कदम की दूरी पर बैठे सुरक्षाकर्मियों ने उस पर ध्यान नहीं दिया। छात्रा के जिम्मेदारों से शिकायत करने पर यह कहकर उसे टाल दिया गया कि इतनी शाम को तुम्हें बचकर चलना चाहिए। इसके बाद किसी तरह छात्रा हास्टल पहुंची और अन्य छात्राओं को घटना की जानकारी दी। इसके बाद त्रिवेणी सहित अन्य हास्टलों की छात्राओं में उबाल आ गया। रात में भी कई छात्राएं सड़क पर उतर आई। जिन्हें अधिकारियों ने पीएम के कार्यक्रम का हवाला देते हुए किसी तरह शांत किया लेकिन आए दिन हो रही छेड़खानी से आजिज छात्राओं ने शुक्रवार सुबह छह बजे ही सड़क पर उतर आंदोलन का शंखनाद कर दिया। इसके बाद बड़ी संख्या में छात्राएं सिंहद्वार पर पहुंचकर आंदोलन में शामिल हो गईं। इस दौरान छात्राएं कुलपति को हटाने, सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त करने, हर हास्टल, चौराहे पर सीसीटीवी लगाने की मांग करती रहीं।
खिड़कियों पर होते अश्लील इशारे
रश्मि ने बताया कि हॉस्टल की खिड़कियों पर लड़के पत्थर में लेटर लिखकर फेंकते है। खिड़कियों पर खड़ा होने पर लड़कियों को अश्लील इशारे करते हैं। विरोध करने पर कहते है, कैंपस में दौड़ाकर कपड़े फाड़ देंगे। पल्लवी ने कहा कि कैंपस में ही लड़के फिजिकली एब्यूज कर रहे है। कपडे फाड़ने की धमकी तक दी जाती है। कल की घटना के बाद हम सभी को खामोश रहने की चेतावनी दी गयी है। सर्कुलर जारी किया गया है शाम 6 बजे के बाद सुबह में अंधेरे तक लड़कियां ना निकले। ये कैसी आजादी है।
विरोध के दौरान सिर के बाल मुंडवाया
उधर प्रोटेस्ट कर रही बीएफए स्टूडेंट आकांक्षा सिंह ने विरोध के दौरान सिर के बाल मुंडवा लिया। उसका कहना है कि छेड़खानी होते रहे और हर वक्त हम खामोश रहे, ऐसा नहीं हो सकता है।
पीएम मोदी को मेन गेट के रास्ते ही दुर्गाकुंड जाना है। लड़कियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन भी सकते में हैं। इस बीच प्रॉक्टोरियल बोर्ड से लड़कियों की बातचीत फेल हो गई है।
दोषी लड़कों पर कार्रवाई होगी: चीफ प्रॉक्टर
चीफ प्रॉक्टर ओ एन सिंह ने कहा कि लड़कियों को बात करके समझाने की कोशिश हो रही है। सभी दोषी लड़को पर कार्रवाई की जाएगी।
बीएचयू प्रशासन के माथे पर बल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज से दो दिनी वाराणसी दौरा है। ऐसे में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बीएचयू के आला अधिकारी देर रात तक शांति की अपील करते रहे लेकिन बात नहीं बन पाई।लंका पुलिस हस्तक्षेप करना चाह रही थी लेकिन बात बाहर न निकले, इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने एसओ को मना कर दिया।