परिजनों को पीट युवती का अपहरण, दुष्कर्म
पश्चिम बंगाल में दुष्कर्म की घटनाओं पर अंकुश लगता नहीं दिख रहा है। बीरभूम जिले में पंचायत के आदेश पर 12 लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बीच उत्तर दिनाजपुर जिले में एक युवती को उसके परिजनों की पिटाई कर अगवा कर लिया गया और सामूहिक दुष्कर्म के बाद खेत में फेंक दिया।
रायगंज। पश्चिम बंगाल में दुष्कर्म की घटनाओं पर अंकुश लगता नहीं दिख रहा है। बीरभूम जिले में पंचायत के आदेश पर 12 लोगों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बीच उत्तर दिनाजपुर जिले में एक युवती को उसके परिजनों की पिटाई कर अगवा कर लिया गया और सामूहिक दुष्कर्म के बाद खेत में फेंक दिया। परिजनों ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उत्तरी दिनाजपुर के चाकुलिया निवासी 18 वर्षीय युवती अपने परिजनों के साथ गत 16 जनवरी को गढ़ा सिमुलिया गांव में लोक नृत्य देखने गई थी। वापस लौटते समय कुछ अज्ञात लोगों ने उन पर हमला कर दिया। आरोपियों ने परिजनों को मार पीटकर युवती का अपहरण कर लिया और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। दूसरे दिन युवती एक खेत के पास बेहाल अवस्था में मिली। पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है।
फजीहत के बाद पुलिस ने लिया रिमांड
कोलकाता। बीरभूम जिले में पंचायत के आदेश पर बर्बर सामूहिक दुष्कर्म के आरोपियों को रिमांड पर न लिए जाने से आलोचना झेलने वाली बंगाल पुलिस ने दूसरे दिन अदालत से सभी आरोपियों की हिरासत मांगी। अदालत ने सभी आरोपियों को आगामी छह फरवरी तक रिमांड पर भेज दिया है। इससे पहले पुलिसिया लापरवाही से नाराज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जिले के पुलिस अधीक्षक सी सुधाकर को तत्काल प्रभाव से हटा दिया था।
दुष्कर्म कांड पर पुलिस की भूमिका संदिग्ध : सोमनाथ
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने बीरभूम जिले में आदिवासी युवती से सामूहिक दुष्कर्म की घटना में पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बताया। चटर्जी ने कहा कि इस तरह की वीभत्स घटना में पुलिस ने अभियुक्तों को हिरासत में लेने की जरूरत नहीं समझी। जिम्मेदारी से भागने के कारण उसकी भूमिका संदिग्ध है। मामले पर संज्ञान न लेने से राज्य मानवाधिकार आयोग की भी आलोचना की जा रही है।
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