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दाऊद के नाम पर 5 करोड़ के 4 फ्लैट हड़प चुका था इकबाल

ठाणे के पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने बताया कि इकबाल व उसके साथी दाऊद के नाम पर 2013 से बिल्डर को धमका रहे थे।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 20 Sep 2017 10:41 AM (IST)Updated: Wed, 20 Sep 2017 06:09 PM (IST)
दाऊद के नाम पर 5 करोड़ के 4 फ्लैट हड़प चुका था इकबाल
दाऊद के नाम पर 5 करोड़ के 4 फ्लैट हड़प चुका था इकबाल

ठाणे-मुंबई, ब्यूरो। भगो़ड़े अपराधी दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर की गिरफ्तारी के बाद ठाणे पुलिस ने उसके दो सहयोगियों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। इकबाल मुंबई से सटे ठाणे जिले के एक प्रसिद्ध बिल्डर को धमकाकर 5 करो़ड़ रुपये के 4 फ्लैट हड़प चुका था। इकबाल के गिरोह से मुंबई व ठाणे के कुछ नेताओं व पार्षदों के भी तार जु़ड़े होने की बात सामने आई है।

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ठाणे के पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह ने बताया कि इकबाल व उसके साथी दाऊद के नाम पर 2013 से बिल्डर को धमका रहे थे। इस मामले में मुमताज शेख और इसरार अली जमील सैयद को पहले हिरासत में लिया गया था। मंगलवार को उन्हें भी औपचारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया। इकबाल को कोर्ट ने आठ दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा है। इकबाल के अलावा ड्रग कारोबारी मोहम्मद यासिन ख्वाजा को भी पकड़ा गया है। पुलिस इकबाल से यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या बिल्डर से फिरौती वसूलने में दाऊद की कोई भूमिका है। यह पाया गया तो उसे भी आरोपी बनाया जाएगा। इकबाल हड़पे गए चार फ्लैट में से तीन बेच चुका था और एक की रजिस्ट्री उसने सैयद के नाम पर करा ली थी।

बहन के घर खा रहा था बिरयानी
सोमवार रात जब इकबाल को गिरफ्तार किया गया तो वह अपनी मरहूम बहन हसीना पारकर के नागपाड़ा स्थित घर में बैठा बिरयानी खा रहा था और टेलीविजन पर 'कौन बनेगा करोड़पति' शो देख रहा था।

मदद के एवज में लिए फ्लैट
मुंबई में अकसर देखा जाता है कि भवन निर्माता भूखंड या फ्लैट खाली कराने अथवा कब्जा करने के लिए माफिया सरगनाओं की मदद लेते हैं। ये मदद बाद में उन्हीं को भारी पड़ने लगती है। ऐसा ही कुछ इस बार उस भवन निर्माता के साथ भी हुआ, जिसे अंतत: इकबाल के विरद्ध पुलिस में रिपोर्ट लिखवानी पड़ी। नवी मुंबई के उक्त भवन निर्माता ने एक भूखंड से जुड़ा विवाद सुलझाने में इकबाल कासकर की मदद ली थी। मदद के एवज में उसने इकबाल को चार फ्लैट दिए थे।

नोटबंदी से 30 लाख नहीं दिए
इकबाल ने बिल्डर से 30 लाख रुपये भी मांगे थे। लेकिन, पिछले साल हुई नोटबंदी के कारण वह यह रकम नहीं चुका सका। जब इकबाल ने हाल ही में एक और फ्लैट मांगना शुरू किया, तो बिल्डर ने मजबूरन पुलिस में केस दर्ज कराया।

नेताओं व पार्षदों की जांच
गिरोह से कुछ नेताओं व स्थानीय पार्षदों के भी जुड़े होने की पुलिस जांच कर रही है। पुलिस आयुक्त सिंह ने बताया कि ऐसे कुछ नाम जांच में सामने आए हैं। हालांकि उनका ब्योरा अभी नहीं दिया गया है। बता दें कि इकबाल को 2003 में संयुक्त अरब अमीरात के दुबई से लाया गया था। तब वह हत्या के एक केस और सारा सहारा अवैध निर्माण मामले में आरोपी था। हालांकि 2007 में वह दोनों मामलों में बरी हो गया था। वह मुंबई व आसपास दाऊद का रियल एस्टेट का कारोबार संभालता था।

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