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गंगोत्रा की पहल, स्वच्छ हुआ जल

ग्रामीण महिलाओं ने समूह बना कर की स्वच्छ पेयजल की व्यवस्थ...

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 27 May 2017 09:44 AM (IST)Updated: Sat, 27 May 2017 09:44 AM (IST)
गंगोत्रा की पहल, स्वच्छ हुआ जल

महाराजगंज(ब्युरो)। सच कहा गया है, जहां चाह है वहां राह भी मिल जाती है। लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के मामले में जब महराजगंज जिले में सरकारी प्रयास लड़खड़ाने लगे तो समूह चलाने वाली गांव की चंद महिलाएं आगे आईं। ग्रामीण विकास ट्रस्ट के नाम से समूह बनाया। अब समूह द्वारा अपने बचत के पैसे से महिला सदस्यों को कम दाम में फिल्टर उपलब्ध कराया जा रहा है। 2008 से बचत की गई पूंजी से इन महिलाओं ने स्वच्छ पेयजल की मुहिम को आगे बढ़ाया है। तराई के इस सीमावर्ती जिले में पानी तो है, लेकिन उसकी शुद्धता सवालों के घेरे में रहती है।

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दूषित जल का ही परिणाम है कि इंसेफ्लाइटिस सहित जल जनित अन्य बीमारियों की चपेट में आने से यहां के लोग असमय ही काल के गाल में समा जा रहे हैं। जिले में वर्ष 2011 से लेकर अब तक 2060 मामले सामने आए हैं। एईएस की वजह से इस अवधि में अब तक कुल 356 मौत हो चुकी हैं। जल जनित बीमारियों से जूझ रहे जिले के पश्चिमी छोर पर स्थित धानी विकास खंड के ग्रामीणों को जब काफी प्रयास के बाद भी सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं होती दिखी तो ग्रामीण विकास ट्रस्ट की अध्यक्ष गंगोत्रा देवी, सचिव सुभावती देवी व कोषाध्यक्ष कमलावती देवी द्वारा अपने सदस्यों को किफायती दर पर फिल्टर मुहैया कराने का निर्णय लिया गया।

182 लोगों को मिल चुका है फिल्टर: समूह से जुड़ी महिलाओं द्वारा अब तक बैसार, जुनरबी, झिगुरीजोत, कोइरीपुरवा, धानी, सिकंदराजीतपुर, हरिवंशपुर, बैसार आदि गांवों में 182 लोगों को फिल्टर मुहैया कराया जा चुका है। महिलाएं बाजार मूल्य से पांच सौ रुपये कम कीमत पर फिल्टर मुहैया कराती हैं। उक्त पांच सौ रुपये का भार उनका समूह वहन करता हैं।

स्वस्थ जीवन के लिए शुद्ध पेयजल आवश्यक: ग्रामीण विकास ट्रस्ट की सदस्य कमलावती, रमावती, चित्ररेखा, गंगोत्रा, सुधा यादव, प्रभावती, पुष्पा यादव ने कहा कि क्षेत्र का भू-गर्भजल दूषित हो चुका है। ऐसे में समूह द्वारा कई बार स्वच्छ पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए शासन- प्रशासन से गुहार लगाई गई, लेकिन जब कोई पहल होती नहीं दिखी तो हमने स्वयं ही अपने बचत के पैसे से स्वस्थ रखने की राह खोज ली।

दूषित जल विभिन्न बीमारियों की जड़ है। क्षेत्र में शुद्ध जल न मिलने से लोग खासकर महिलाएं असमय ही बीमारियों की चपेट में आकर अपनी जान गंवा रहीं थीं । इसे देखते हुए हमारे समूह की महिलाओं ने पहल की। आज इसके सार्थक परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।- गंगोत्रा देवी, अध्यक्ष , ग्रामीण विकास ट्रस्ट

-विश्वनाथ त्रिपाठी

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