Move to Jagran APP

गंगा जागरण यात्रा: जागते रहिये, जमाने को जगाते रहिये..

कोलकाता [संदीप त्रिपाठी]। 'जागते रहिये, जमाने को जगाते रहिये, मेरी आवाज में आवाज मिलाते रहिये। नींद आती है तो तकदीर भी सो जाती है, कोई अब सो न सके, गीत वो गाते रहिये।' कवि नीरज की इन्हीं पंक्तियों से प्रोफेसर प्रेमशंकर त्रिपाठी ने दैनिक जागरण की कलश यात्रा वाहन का महानगर में स्वागत किया। शाम को गंगा आरती ने माहौल में सरगर्मी ला दी थ

By Edited By: Published: Mon, 28 Jul 2014 02:45 AM (IST)Updated: Mon, 28 Jul 2014 02:45 AM (IST)
गंगा जागरण यात्रा: जागते रहिये, जमाने को जगाते रहिये..

कोलकाता [संदीप त्रिपाठी]। 'जागते रहिये, जमाने को जगाते रहिये, मेरी आवाज में आवाज मिलाते रहिये। नींद आती है तो तकदीर भी सो जाती है, कोई अब सो न सके, गीत वो गाते रहिये।' कवि नीरज की इन्हीं पंक्तियों से प्रोफेसर प्रेमशंकर त्रिपाठी ने दैनिक जागरण की कलश यात्रा वाहन का महानगर में स्वागत किया। शाम को गंगा आरती ने माहौल में सरगर्मी ला दी थी।

loksabha election banner

लोगों के उत्साह से यात्रा को भी नई ऊर्जा मिल गई थी। हावड़ा में भव्य स्वागत समारोह के बाद कलश यात्रा वाहन कोलकाता पहुंचा था रविवार सुबह। सड़कों पर दौड़ते वाहनों के बीच कलश यात्रा बड़ा बाजार के सत्संग भवन पहुंची। यहां उपस्थित श्रद्धालुओं ने वाहन पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन अर्पित किए।

लोगों ने इस पावन अभियान को चलाने के लिए दैनिक जागरण परिवार का आभार जताया। यहां से वाहन कलाकुंज सभागार के लिए निकला। जगह-जगह लोग कलश यात्रा वाहन को देख हाथ जोड़ अपनी श्रद्धा व्यक्त करते नजर आए। कलाकुंज में वाहन के स्वागत के लिए फूलों की अद्भुत साज-सज्जा की गई थी। दैनिक जागरण की ओर से गंगा प्रदूषण के खिलाफ शुरू किए गए अभियान को लेकर सभागार में उपस्थित अतिथियों में भी उत्सुकता दिखी।

कलाकुंज सभागार में सौरभ गिरि ने भजनों की अमृत वर्षा से कलश यात्रा वाहन का स्वागत किया। स्वागत गीत 'हे गोविंदा राखो चरने..के माध्यम से गायक सौरभ गिरि ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। वक्ताओं ने गंगा नदी की पवित्रता, उद्गम सहित अन्य पहलुओं पर विचार रखे।

समस्त व्यवस्था का आधार है गंगा : सीताराम शर्मा

विशिष्ट उद्योगपति व बेलारूस के काउंसिल जनरल सीताराम शर्मा ने दैनिक जागरण की गंगा जागरण यात्रा को अभिनव प्रयास बताते हुए कहा कि गंगा के बारे में कुछ करना या सोचना धार्मिक कारणों से ही नहीं, इसके पीछे सांस्कृतिक, सामाजिक व आर्थिक आधार भी है। गंगा हमारे स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, परिवहन एवं सामाजिक स्थितियों का आधार है। शर्मा ने उम्मीद जताई कि दैनिक जागरण की इस मुहिम से गंगा के बारे में देश के आम नागरिक जागरूक हो सकेंगे और अपने-अपने स्तर पर इसे प्रदूषण-मुक्त करने के लिए काम करेंगे।

सागर से पहले आता है गंगा का नाम

आम तौर पर जब कोई नदी अपनी यात्रा पूरी कर सागर में मिलती है तो उसका विलय हो जाता है, लेकिन गंगा ऐसी नदी है कि सागर में मिलकर भी अपना अस्तित्व नहीं खोती। उसका नाम पहले लिया जाता है सागर का बाद में, गंगा सागर।

उद्योगपति व गंगा मिशन के सूत्रधार प्रह्लंादराय गोयनका ने आध्यात्मिक रूप में भी गंगा की महत्ता बयां की और इसके वैभव की विस्तृत जानकारी दी। गोयनका ने कहा कि गंगा में 782 प्रजाति की मछलियां, 27 प्रजाति के घड़ियाल और तीन तरह की डाल्फिन हैं। कई शहरों में आज भी गंगा में लावारिस शवों को फेंक दिया जाता है। इनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था होनी चाहिए।

पढ़ें: गंगा जागरण से जुड़ी सभी खबरों को पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.