परिजन बोले, गजेंद्र खुदकुशी नहीं कर सकता
गजेंद्र सिंह द्वारा खुदकुशी करने के मामले की जांच के लिए राजस्थान के दौसा जिला अंतर्गत उसके गांव नांगल झामरवाड़ा गई क्राइम ब्रांच की टीम शुक्रवार शाम दिल्ली वापस लौट आई। टीम ने वहां गजेंद्र के परिजनों, रिश्तेदारों व पड़ोस में रहने वाले कुछ लोगों के विस्तृत बयान दर्ज किए।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। गजेंद्र सिंह द्वारा खुदकुशी करने के मामले की जांच के लिए राजस्थान के दौसा जिला अंतर्गत उसके गांव नांगल झामरवाड़ा गई क्राइम ब्रांच की टीम शुक्रवार शाम दिल्ली वापस लौट आई। टीम ने वहां गजेंद्र के परिजनों, रिश्तेदारों व पड़ोस में रहने वाले कुछ लोगों के विस्तृत बयान दर्ज किए। बयान में सभी ने गजेंद्र के बारे में एक बात अवश्य कही कि वह इतने कमजोर दिल का नहीं था कि खुदकशी कर ले।
घर में आर्थिक दिक्कत भी नहीं थी, जिसे उसकी खुदकशी के लिए जिम्मेदार ठहराया जाता। परिजनों, रिश्तेदारों व पड़ोसियों को अब भी इस बात का यकीन नहीं हो रहा है कि गजेंद्र खुदकशी कर सकता है। इससे यह कहा जा सकता है कि गजेंद्र, लोगों के उकसावे पर पेड़ पर तो चढ़ गया, लेकिन चूक के कारण उसका पैर फिसल गया और उसकी मौत हो गई।
स्थानीय राजनीति में सक्रिय थे गजेंद्र
क्राइम ब्रांच के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक गजेंद्र के कुछ अन्य परिचितों के बयान दर्ज किए जाएंगे। इसके लिए संभवत: सोमवार को क्राइम ब्रांच की टीम दोबारा नांगल झामरवाड़ा जाएगी। यह भी पता चला है कि गजेंद्र कई साल से स्थानीय राजनीति में सक्रिय थे। कुछ महीने पहले ही उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) ज्वाइन कर ली थी। क्राइम ब्रांच को गजेंद्र के घर से उनके द्वारा लिखे गए कुछ पुराने कागजात मिले हैं, जिसे जांच के लिए जब्त कर लिया गया है।
पुलिस अब जंतर-मंतर से बरामद गजेंद्र सिंह की कथित चिट्ठी और उनके द्वारा लिखे गए पुराने पत्रों से उनके हस्ताक्षर का मिलान करने के लिए इन्हें फॉरेंसिक एक्सपर्ट के पास भेजेगी। देखने से हस्ताक्षर एक जैसे नहीं लग रहे हैं। पुलिस को अब तक विसरा की भी रिपोर्ट नहीं मिली है। विसरा रिपोर्ट से पुलिस को यह पता लग सकता है कि मरने से पूर्व गजेंद्र ने कोई नशीला पदार्थ तो नहीं खाया था।
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