गडकरी ने जेटली को समझाई वाहन स्क्रैप योजना की महत्ता
शुरू में केवल मझोले व भारी वाहनों को ही शामिल किया जाएगा।
नई दिल्ली। पुराने वाहन को कबाड़ में बेचने व नए वाहन पर टैक्स की छूट पाने की केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी की योजना पर वित्त मंत्रालय के एतराज के मद्देनजर गडकरी ने बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की।
वित्त मंत्री को योजना की बारीकियों से अवगत कराते हुए उन्होंने कहा कि योजना से सरकारी खजाने को ज्यादा नुकसान नहीं होगा क्योंकि शुरू में केवल मझोले व भारी वाहनों को ही शामिल किया जाएगा। वित्त मंत्रालय ने गडकरी की स्वैच्छिक वाहन आधुनिकीकरण योजना (वाहन स्क्रैप योजना) पर इस आधार पर सवाल उठाया था कि एक साथ इतने अधिक वाहनों को टैक्स की छूट देना संभव नहीं है।
योजना के तहत सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 31 मार्च, 2005 से पहले के मोटर वाहनों को कबाड़ के रूप में बेचने वालों को कबाड़ से अधिक दाम देने तथा बदले में नए वाहन की खरीद पर टैक्स समेत खासी छूट (10-12 प्रतिशत) देने का प्रस्ताव दिया है।
माना जाता है कि तकरीबन 2.8 करोड़ पुराने वाहन इस योजना के दायरे में आएंगे। वित्त मंत्रालय ने योजना पर यह कहते हुए आपत्ति जताई थी कि एक साथ इतने अधिक वाहनों को उत्पाद शुल्क की छूट देना संभव नहीं है। गडकरी ने इसी पर स्थिति स्पष्ट की।
सूत्रों के अनुसार उन्होंने जेटली को समझाने की कोशिश की कि चूंकि योजना के पहले चरण में केवल 12 लाख मझोले व भारी वाहनों को ही शामिल किया जाएगा और यह कार्य भी कई सालों में पूरा होगा, लिहाजा हर साल खजाने को मामूली नुकसान होगा।
इसके अलावा नए वाहनों की ज्यादा बिक्री होने से एक्साइज ड्यूटी राजस्व बढ़ेगा। इससे पुराने वाहनों की एवज में दी जाने वाली छूट की राजस्व हानि की भरपाई हो जाएगी। इसके अलावा योजना का असल मकसद पर्यावरण संरक्षण के लिए वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम है। सड़क से पुराने वाहनों को बड़े पैमाने पर हटाए बिना और नए वाहनों को लाए बिना प्रदूषण पर कोई खास असर पड़ने वाला नहीं है।
किराये की कोख के व्यावसायिक उपयोग पर लगेगी रोक, कैबिनेट ने दी मंजूरी