जी हां, यहां हैं 135 साल के कई वोटर- आखिर कौन हैं ये वोटर, पढ़े खबर
भले ही दुनिया में 135 साल की आयु का इंसान ढूंढे न मिले, लेकिन पंचायत मतदाता सूचियों में इस उम्र के मतदाताओं की भरमार है। ऐसे लंबी उम्र के मतदाताओं के मिलने पर राज्य निर्वाचन आयोग दंग रह गया है। हजारों मतदाता ऐसे हैं जिनके मतदान केंद्र का अता-पता नहीं
बागपत । भले ही दुनिया में 135 साल की आयु का इंसान ढूंढे न मिले, लेकिन पंचायत मतदाता सूचियों में इस उम्र के मतदाताओं की भरमार है। ऐसे लंबी उम्र के मतदाताओं के मिलने पर राज्य निर्वाचन आयोग दंग रह गया है। हजारों मतदाता ऐसे हैं जिनके मतदान केंद्र का अता-पता नहीं है।
वार्ड आवंटित नहीं होने से हजारों मतदाता उलझन में हैं कि अपना अमूल्य वोट किसे देंगे ? ऐसी खामियों पर अब लखनऊ तक हड़कंप मचा है। राज्य निर्वायन आयोग के आदेश पर सरकारी मशीनरी चुनाव तैयारी में जुटी है, वहीं उम्मीदवारों की फौज प्रधान, जिला पंचायत सदस्य अथवा अन्य पदों पर जीत दर्ज करने को रात दिन एक किए हैं।
मतदाता सूचियों से बड़ी संख्या में वोटरों के नाम काटने पर पहले से ही हल्ला मचा है। ऐसे में मतदाता सूचियों में अब और गंभीर खामिया पकड़ में आने पर राज्य निर्वाचन आयोग में खलबली है। प्रदेश के 56 हजार 77 मतदाताओं को मतदान केंद्रों से नहीं जोड़ा है, जिनमें पांच मामले बागपत के हैं। ये मतदान कहां करेंगे ? 11 हजार 446 मतदाता को वार्ड से वंचित कर दिया है, जिनमें पांच प्रकरण बागपत के हैं।
सवाल है ये अपना जनप्रतिनिधि किसे चुनेंगे ? इतना ही नहीं 27 हजार मतदाताओं की आयु 135 साल से ज्यादा और अनेक की 18 साल से कम दर्ज की हुई है, जिनमें छह मामले बागपत के हैं। सहारनपुर में 322 मतदाता, मुजफ्फरनगर में 209 मतदाता, शामली के 147, मेरठ के 339 मतदाता, गाजियाबाद के 81, बुलंदशहर के 373 मतदाता और बिजनौर के 713 मतदाताओं को 18 साल से कम या फिर 135 साल आयु से ज्यादा के बना रखे हैं।
ऐसी दीर्घायु से हाकिमों की नींद उड़ी है, क्योंकि मतदाता सूचियों पर सवाल खड़ा होने लगा है। 17 हजार से ज्यादा मतदाताओं का तो यही पता नहीं कि वे मर्द हैं या औरत ? इनमें 30 मामले बागपत के हैं। वहीं 7397 मतदाताओं के मकान नंबर ही गायब हैं, जिनमें बागपत के पांच मामले हैं।
मतदाता सूचियों में इतनी खामिया मिलने पर अब राज्य निर्वाचन आयोग में हड़कंप है। सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी को आदेश दिया गया है कि अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन से पहले खामियों को दूर कराएं जिससे भ्रम की स्थिति न रहे।
मतदाताओं के ब्योरे में मिली खामियों को एसडीएम स्तर से सही किया जा रहा है। अंतिम प्रकासन से पूर्व त्रुटियां दूर हो जाएंगी।
-वीके मिश्रा- सहकाय जिला निर्वाचन अधिकारी, बागपत