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लापता विमान के फ्लाइंग आफिसर की आखिरी पोस्ट- तुम्हें खोने से डरता हूं, मैंने खुद को खो दिया है

वायु सेना के लापता विमान केे फ्लाइंग ऑफिसर पंकज नांदल की फेसबुक प्रोफाइल में काफी मार्मिक और चौंकाने वाली पोस्ट हैं। फिलहाल, पंकज का घरवालों समेत सभी को इंतजार है।

By Test1 Test1Edited By: Published: Tue, 26 Jul 2016 04:28 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 09:45 AM (IST)
लापता विमान के फ्लाइंग आफिसर की आखिरी पोस्ट- तुम्हें खोने से डरता हूं, मैंने खुद को खो दिया है

रोहतक, [जेपी शर्मा]। वायु सेना के लापता विमान का फ्लाइंग आफिसर पंकज नांदल एयरफोर्स में शामिल होने से पहले फेसबुक पर अक्सर पोस्ट करते थे लेकिन एयरफोर्स में भर्ती होने के बाद उसकी अंतिम पोस्ट की पंक्ति बेहद मार्मिक और चौंकाने वाली है। एक लाइन की इस पोस्ट पंकज ने बेशक ऐसे ही लिखी हो लेकिन इस लाइन में वर्तमान हालात की झलक दिखाई दे रही है।

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फिलहाल, ये तो बता पाना मुश्किल है कि पंकज नांदल के दिल में उस समय क्या चल रहा था जो उसने अपने किसी करीबी को खोने के डर और खुद के खो जाने की पंक्तियां लिख दीं लेकिन तीन दिन से वास्तव में पंकज खोया हुआ और उसके करीबी उसे ढूंढने व इंतजार करने के लिए विवश हैं।

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पंकज की फेसबुक टाइमलाइन बयां कर रही वर्तमान हालात

एयरफोर्स से सेवानिवृत पिता कृष्ण के मुताबिक कृष्ण जनवरी की शुरूआत में अवकाश लेकर अपने घर आया था और 25 जनवरी को ड्यूटी पर रवाना हो गया था। उसने फेसबुक वाल पर अंतिम बार एक फरवरी 2015 को पंक्ति पोस्ट की थी।

पंकज ने अंग्रेजी में लिखा था-

जिसका हिंदी मतलब है-

'तुम्हें खोने से डरता हूं...मैंने खुद को खो दिया है'।

इससे पहले 17 जनवरी 2015 को पंकज ने लिखा था कि-

जब जिंदगी समझ में आई, तो जिंदगी से दूर थे हम,

मरना चाहा तो जीने को मजबूर थे हम।

हर सजा कबूल कर ली सिर झुका के,

कसूर इतना था कि बेकसूर थे हम।।

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इसमें कोई शक नहीं है कि इन पंक्तियों में पंकज ने किसी अपने के खोने का डर और खुद के खो जाने की बात कही है। हालांकि ऐसा भी हो सकता है कि पंकज ने ये लाइनें ऐसे ही लिख दी हों लेकिन आज के हालात इनका गहरा अर्थ बयां कर रहे हैं।

पंकज ने 4 अप्रैल 2015 को फेसबुक की अंतिम बार प्रोफाइल चेंज की थी और जिस फोटो को प्रोफाइल बनाया था उसमें किसी ऊंचे स्थान पर खड़े होकर दोनों हाथ फैलाए आसमान की ओर देख रहा है।

मां तुम शादी की तैयारियां करो मैँ जल्दी आऊंगा

बेटे की शादी धूमधाम से करने का हर माता-पिता का सपना होता है। ऐसा ही सपना फ्लाइंग आफिसर पंकज नांदल के माता-पिता ने भी देखा था। जनवरी में जब पंकज एक माह का अवकाश लेकर घर आया तो उसने अपने माता-पिता का सपना पूरा करने के लिए रोहतक निवासी एक लड़की को पसंद कर लिया और नवंबर में विवाह होना पक्का कर दिया गया।

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इसके बाद से जब भी पंकज से उसक मां या पिता की बात होती तो शादी की तैयारियों की चर्चा जरूर होती। पोर्टब्लेयर जाने के लिए एएन-32 विमान में सवार होने से एक दिन पूर्व भी उसकी मां ऊषा देवी से बात हुई थी और पंकज ने मां से कहा था कि तुम बस शादी की तैयारियां करो मैं जल्दी आ जाऊंगा। वक्त गुजरने के साथ उसकी मां की हालत बिगड़ती जा रही है।

मोबाइल की घंटी के सुनकर धड़कता है दिल

पंकज के पिता कृष्ण ने बताया कि विमान शुक्रवार सुबह लापता हुआ था। तब उन्हें इस बात की बिल्कुल जानकारी नहीं थी कि उनका बेटा जिस विमान में सवार था वह लापता हो गया है। शाम लगभग पांच बजे उनके मोबाइल पर कमांडिंग आफिसर का फोन आया और उन्होंने विमान के लापता होने व पंकज के उसमें सवार होने की जानकारी दी।

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इसके बाद से अब तक पूरा परिवार व परिचित विमान और उसमें सवारों की कुशलता की प्रार्थना कर रहे हैं। जब भी मोबाइल की घंटी बजती है तो उनके परिजनों का दिल धड़कने लगता है। वह किसी सुखद समाचार का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

नांदल गांव में चल रहा दुआओं का दौर

पंकज का परिवार मूलरुप से नांदल गांव का रहने वाला है। उसके पिता चार भाईं हैं और दो भाई अभी भी गांव में ही रहते हैं और पंकज का परिवार भी अक्सर गांव में आता-जाता रहता है। विमान के लापता और पंकज के उसमें सवार होने की खबर से नांदल गांव स्थित उसके पैतृक मकान में भी ग्रामीणों का तांता लगा हुआ है।

पंकज की दादी सुषमा व अन्य परिजन गांव स्थित मकान में ही लोग उनके पास पहुंच रहे हैं और ईश्वर से विमान व उसमें सवार लोगों के सकुशल होने की प्रार्थना कर रहे हैं।

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