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काजीरंगा में घुसा बाढ़ का पानी, जानवर बेहाल

असम इन दिनों बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा है। 18 जिलों में आठ लाख से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं। सड़क, पुल, मकान सबकुछ तहस-नहस हो गया है। मनुष्यों के साथ जानवरों को भी काफी मुसीबतों का सामना कर पड़ रहा है। विश्र्वप्रसिद्ध काजीरंगा नेशनल पार्क और पोबीतोरा वाइल्डलाइफ

By Murari sharanEdited By: Published: Wed, 02 Sep 2015 07:46 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2015 07:57 PM (IST)
काजीरंगा में घुसा बाढ़ का पानी, जानवर बेहाल

जागरण न्यूज नेटवर्क, गुवाहाटी। असम इन दिनों बाढ़ की विभीषिका से जूझ रहा है। 18 जिलों में आठ लाख से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हैं। सड़क, पुल, मकान सबकुछ तहस-नहस हो गया है। मनुष्यों के साथ जानवरों को भी काफी मुसीबतों का सामना कर पड़ रहा है। विश्र्वप्रसिद्ध काजीरंगा नेशनल पार्क और पोबीतोरा वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी के निचले इलाकों में ब्रह्मपुत्र नदी का पानी घुस आया है।

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सैकड़ों की संख्या में एक सींग वाले गैंडे, हाथी, हिरन और अन्य जानवर ऊपरी क्षेत्रों में जाने के लिए मजबूर हो गए हैं। कइयों की पानी में डूबकर मरने की भी आशंका है। ये शिकारियों के निशाने पर भी आ गए हैं। इन्हें भोजन जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

काजीरंगा नेशनल पार्क का एक बड़ा क्षेत्र नौगांव जिले में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी किनारे पर स्थित है। उफनाई ब्रह्मपुत्र नदी के पानी ने इस इलाके को अपनी चपेट में ले लिया है। पानी से बचने के लिए जानवर खतरनाक राष्ट्रीय राजमार्ग पार करके कर्बी अंग्लांग फूटहिल्स (केएनपी) के क्षेत्र में जाने लगे हैं। सड़क पर आने की वजह से ये कभी भी दुर्घटना का शिकार हो सकते हैं।

हालांकि पुलिस और वन विभाग के कर्मी राजमार्ग पर गश्त कर रहे हैं ताकि जानवरों के गाडि़यों से टकराने जैसी घटनाएं न हो सकें। 430 स्क्वॉयर किमी में फैली केएनपी में पिछले साल बाढ़ आने से 500 हिरण और अन्य कई जानवरों की डूबकर मौत हो गई थी। यही स्थिति मोरीगांव जिले में स्थित पोबीतोरा वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी की भी है। वन विभाग ने यहां से 12 हाथियों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है।


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