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जानिए, सजा पूरी होने के बावजूद भी क्यों भारतीय जेल में रहने को मजबूर हैं 5 पाकिस्‍तानी

पांच पाक कैदियों की सजा पूरी हो गयी है लेकिन पाकिस्‍तान के रुखे रवैये के कारण वे अब भी भारतीय जेल में रहने को मजबूर हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Sun, 04 Feb 2018 02:04 PM (IST)Updated: Mon, 05 Feb 2018 08:11 AM (IST)
जानिए, सजा पूरी होने के बावजूद भी क्यों भारतीय जेल में रहने को मजबूर हैं 5 पाकिस्‍तानी
जानिए, सजा पूरी होने के बावजूद भी क्यों भारतीय जेल में रहने को मजबूर हैं 5 पाकिस्‍तानी

नई दिल्‍ली (आइएएनएस)। सजा की समयसीमा पूरी हो जाने के बावजूद पाकिस्‍तान के पांच नागरिकों को मजबूरन भारतीय जेल में रहना पड़ रहा है क्‍योंकि पाक ने इन्‍हें अपना नागरिक बताने से इंकार कर दिया है।

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शीर्ष सूत्रों के अनुसार, पाकिस्‍तानी नागरिकों को अलग-अलग समय पर गिरफ्तार किया गया और आधिकारिक गोपनीय कानून के तहत आरोप लगाया गया। वे अपने देश वापस लौटना चाहते हैं और सामान्‍य जीवन जीने के इच्‍छुक हैं लेकिन भारत विरोधी आतंकी गतिविधियों को छिपाने को लेकर पाकिस्‍तान उन्‍हें स्‍वीकार करने से इंकार कर रहा है।

ये पांच संदिग्‍ध पाकिस्‍तानी जासूस पिछले कई सालों से स्‍वदेश लौटने का इंतजार कर रहे हैं। इनके परिवार वालों द्वारा इनकी पहचान पाकिस्‍तानी नागरिकों के तौर पर किए जाने के बावजूद ये भारतीय जेल में पड़े हैं।

दिल्‍ली पुलिस के विदेशी क्षेत्रीय रजिस्‍ट्रेशन ऑफिस (एफआरआरओ) में भी इन पांचों के पाक प्रत्‍यर्पण आदेश का इंतजार हो रहा है। इन्‍हें वर्ष 2007 से 2015 के बीच भारत में कथित जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। दिल्‍ली के नरेला स्‍थित लामपुर जेल में इन्‍होंने अपने कैद की सजा पूरी की। एफआरआरओ के अधिकारियों ने नई दिल्‍ली में पाक उच्‍चायोग से कई बार बात करने की कोशिश की, उनकी नागरिकता के सबूत के साथ अनेकों पत्र लिखे लेकिन हर बार पाक ने उदासीनता दिखायी।

सूत्रों ने आइएएनएस को बताया, ‘उच्‍चायोग ने उनकी पहचान की पुष्‍टि नहीं की है और परिणामस्‍वरूप इनके पास जेल में पड़े रहने के अलावा कोई दूसरा विकल्‍प नहीं है।

इनमें से तीन कराची और दो पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत से हैं। एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया, ‘ये संदिग्‍ध जासूस हैं और अपने ऑपरेशन को पूरा करने भारत आए थे। पाकिस्‍तान के आतंकी शिविरों में इन्‍हें ट्रेनिंग दिया गया है।‘ उन्‍होंने आगे कहा, पाकिस्‍तान के पंजाब निवासी मोहम्‍मद हसन को 8 अक्‍टूबर 2012 को दिल्‍ली पुलिस के स्‍पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था। लाहौर निवासी मोहम्‍मद कामिर को मेरठ में, दिल्‍ली गेट से 2009 में अब्‍दुल जाफर, 2012 में कानपुर से मोहम्‍मद इदरिस को गिरफ्तार किया गया, ये तीनों लाहौर के हैं।

अधिकारी ने बताया, ‘हम उन्‍हें जेल से रिहा कर पाकिस्‍तान वापस भेजना चाहते है, क्‍योंकि इन सभी आरोपियों ने अपनी सजा पूरी कर ली है। लेकिन हम इन्‍हें भारत में आजाद नहीं छोड़ सकते यह हमारे प्रोटोकॉल के खिलाफ है। हमें भी इंतजार है कि पाकिस्‍तान कब इन्‍हें अपने देश के नागरिक की मान्‍यता देगा। ये सभी पाकिस्‍तानी कैदी अपने परिजनों से मिलने को व्‍यग्र हैं और ऊपरवाले से किसी चमत्‍कार की प्रार्थना कर रहे हैं।


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