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पीएफ पर 8.65 फीसद ब्याज को वित्त मंत्रालय की मंजूरी जल्द

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों के लिए ब्याज दर के मसले पर कोई मतभेद नहीं है।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Tue, 14 Feb 2017 09:09 PM (IST)Updated: Tue, 14 Feb 2017 10:11 PM (IST)
पीएफ पर 8.65 फीसद ब्याज को वित्त मंत्रालय की मंजूरी जल्द

नई दिल्ली, प्रेट्र । केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि वित्त मंत्रालय जल्दी ही चालू वित्त वर्ष 2016-17 में भविष्य निधि (ईपीएफ) पर 8.65 फीसद ब्याज देने के लिए मंजूरी दे देगा। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्यों के लिए ब्याज दर के मसले पर कोई मतभेद नहीं है।

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दत्तात्रेय ने बताया कि श्रम और वित्त मंत्रालय इस मामले में एकमत हैं। चालू वित्त वर्ष में सदस्यों को 8.65 फीसद ब्याज देने के बारे में कोई मत भिन्नता नहीं है। वित्त मंत्रालय में इस पर काम चल रहा है और वह इस मसले को व्यक्तिगत तौर पर देख रहे हैं। दत्तात्रेय की अध्यक्षता वाली ईपीएफओ की शीर्ष निर्णायक संस्था केंद्रीय ट्रस्टी बोर्ड (सीबीटी) ने सदस्यों को 8.65 फीसद ब्याज देने का फैसला किया था। पिछले चार वर्षो में यह सबसे कम ब्याज दर है। पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में सदस्यों को 8.8 फीसद दिया गया। ईपीएफओ के करीब चार करोड़ सदस्यों को वर्ष 2013-14 में 8.75 फीसद और 2012-13 में 8.5 फीसद ब्याज दिया गया था।

सदस्यों को चालू वित्त वर्ष में 8.65 फीसद ब्याज देने के बाद ईपीएफओ के पास 269 करोड़ रुपये सरप्लस बचेगा। श्रम मंत्री का यह आश्वासन सदस्यों के लिए राहत लेकर आया है क्योंकि माना जा रहा था कि वित्त मंत्रालय ने श्रम मंत्रालय को ब्याज दर घटाने के लिए कहा था। जिससे ब्याज दरों को पीपीएफ और दूसरी लघु बचत योजनाओं के बराबर रखा जा सके।

वित्त मंत्रालय ने पिछले वित्त वर्ष 2015-16 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर घटाकर 8.7 फीसद कर दिया था जबकि ईपीएफओ ने उस साल 8.8 फीसद ब्याज देने का फैसला किया था। बाद श्रम संगठनों के विरोध के बाद वित्त मंत्रालय ने ईपीएफओ द्वारा तय ब्याज दर को मंजूरी दे दी। स्थापित व्यवस्था के अनुसार सीबीटी अपनी ब्याज आय का अनुमान लगाकर ब्याज देने का फैसला करता है। इस पर वित्त मंत्रालय अंतिम मंजूरी देता है।


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