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आश्चर्यजनक! 10वीं में लड़की, 12वीं में बन गई लड़का

इसे कुदरत का करिश्मा कहें या हार्मोन का बदलाव कि पश्चिम बंगाल के आसनसोल निवासी एक लड़की बिना किसी सर्जरी के दो सालों में लड़का बन गई। मामले को देख चिकित्सक भी आश्चर्यचकित हैं और किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Sun, 29 Mar 2015 12:32 AM (IST)Updated: Sun, 29 Mar 2015 06:49 AM (IST)

बोकारो । इसे कुदरत का करिश्मा कहें या हार्मोन का बदलाव कि पश्चिम बंगाल के आसनसोल निवासी एक लड़की बिना किसी सर्जरी के दो सालों में लड़का बन गई। मामले को देख चिकित्सक भी आश्चर्यचकित हैं और किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पा रहे हैं। झारखंड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड स्थित सौदागर मुहल्ला में उसकी ननिहाल है। फिलहाल वह अपने पिता हैदर अली के साथ आसनसोल में रह रही है।

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लड़की के मामा शाहिद इकबाल ने बताया कि हामिया नाज के शरीर में 15 वर्ष की आयु में बदलाव शुरू हुआ। अब वह 17 वर्ष की हो चुकी है और पूरी तरह लड़के के रूप में तब्दील हो चुकी है। उसने अपना नाम भी हामिया नाज की जगह सरवर हैदर रख लिया है। बावजूद इसके उसे अपनी पहचान स्थापित करने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है। हामिया नाज ने जब मैट्रिक की परीक्षा दी थी तब उसकी उम्र 15 वर्ष थी। मैट्रिक पास करने के बाद इंटरमीडिएट में दाखिला लेते समय हामिया नाज उर्फ सरवर हैदर को परेशानी आई। मैट्रिक के एडमिट कार्ड में उसका फोटो एक लड़की का है, लेकिन अब वह पूरी तरह लड़का बन चुकी है। दाखिला करने वाले कर्मचारी ने उसे मेडिकल बोर्ड से अपनी पहचान सत्यापित कराने को कहा है। इसके बाद सिविल सर्जन की देखरेख में मेडिकल बोर्ड गठित कर उसकी जांच की गई। जांच टीम के अनुसार, 15 वर्ष तक उसके शरीर में महिला गुप्तांग रहा और शारीरिक बनावट भी महिलाओं जैसी रही। 16वें साल से उसमें बदलाव आया और पुरुष गुप्तांग विकसित होने लगे। चिकित्सकों ने बताया कि उसका मूत्रत्याग भी दोनों गुप्तांगों से होता था। बाद की जांच में पता चला कि उसमें पुरुषों के लक्षण अधिक हैं। मेडिकल बोर्ड में शामिल डॉ. एके सिंह एवं डॉ. नीकेत चौधरी ने बताया कि हार्मोनिकल प्रॉब्लम के कारण इस तरह का शारीरिक परिवर्तन होता है। उसके हार्मोन को जांच के लिए बाहर भेजा गया है। रिपोर्ट आने पर सही रूप में पुष्टि हो सकेगी।

बोकारो सिविल सर्जन डॉ. शशिभूषण प्रसाद ने बताया कि जांच के लिए मैंने मेडिकल टीम गठित की है। लैंगिक विकास पूरी तरह नहीं होने के कारण बचपन में पता नहीं चल सका होगा कि वह लड़का है या लड़की। सदर अस्पताल के डीएस डॉ. अर्जुन प्रसाद ने बताया कि अल्ट्रासाउंड व अन्य परीक्षण के बाद पता चला कि हैदर 80 प्रतिशत पुरुष है, लेकिन जब तक गुणसूत्रों की पूरी तरह जांच न हो, कुछ कहा नहीं जा सकता है। उसके पेट में गर्भाशय व ओवरी नहीं है। इसलिए ऑपरेशन के बाद उसे पूरी तरह पुरुष बनाया जा सकता है।


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