हिमाचल और गुजरात से आश्वस्त भाजपा की है अब कर्नाटक फतह की तैयारी
भाजपा की ये कोशिश होगी कि कर्नाटक में चुनावी घोषणा से पहले प्रधानमंत्री खुद राज्य के सभी सात जोन को संबोधित करें।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। हिमाचल प्रदेश और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात में चुनाव की तारीखों का एलान हो चुका है। भाजपा की तरफ से दोनों ही राज्यों में कमर कस ली गई है और पार्टी को ऐसा लगता है कि दोनों ही राज्यों में उनके विपक्ष में खड़े दल की वो हालत नहीं है कि उन्हें इस बार कड़ी टक्कर दे सके। यही वजह है कि भाजपा अब दक्षिणी राज्य कर्नाटक विधानसभा चुनाव के एलान से करीब तीन-चार महीने पहले ही अभी से पूरा दमखम लगा रही है।
पीएम मोदी-शाह करेंगे कर्नाटक दौरा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कर्नाटक के बिदर में इस महीने की 29 तारीख को रैली करने जा रहे हैं। भाजपा की ये कोशिश होगी कि कर्नाटक में चुनावी घोषणा से पहले प्रधानमंत्री खुद राज्य के सभी सात जोन को संबोधित करें। पीएम के कर्नाटक दौरे के महज तीन दिन बाद ही भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह बेंगलुरू से परिवर्तन यात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे। जबकि, दूसरी तरफ से ठीक उसी दिन यानी 2 अक्टूबर को भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा अस्सी दिनों की राज्य की यात्रा पर भी निकल रहे हैं।
80 दिनों की यात्रा पर निकलेंगे येदियुरप्पा
दरअसल, कर्नाटक की सभी 224 विधानसभा सीटों के हर बूथ से तीन मोटर साइकिलों पर छह कार्यकर्ता यात्रा के लिए पहुंचेंगे। यात्रा से लौटने के बाद वे सभी कार्यकर्ता अपने क्षेत्रों में जाकर पार्टी के कार्यक्रमों को नई धार देंगे। तो वहीं येदियुरप्पा सभी विधानसभा क्षेत्रों के दौरे पर रहेंगे। पिछले करीब डेढ़ साल में यह तीसरा मौका होगा जब येदियुरप्पा तीसरी बार पूरे राज्य के दौरे पर जाएंगे। इसके पीछे की सोच ये है कि आगामी कर्नाटक विधानसभा चुनाव में लोगों में यह संदेश देना की सभी वर्ग और सभी क्षेत्र भाजपा के पक्ष में खुलकर वोट करे।
कमजोर सीटों पर है खास रणनीति
मैसूर सीट भाजपा के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस क्षेत्र में वोकलिंग समुदाय का असर है और उसके नेता एचडी देवेगौड़ा को माना जाता है। ऐसा कहा जा रहा है कि अगस्त महीने में कर्नाटक में अपनी पिछली यात्रा के दौरान अमित शाह वोकलिंगा के शीर्ष मठ आदिचुनचुनगिरी गए थे। वहां पर भाजपा अध्यक्ष ने स्वामी निर्मलानंद के साथ लगभग आधा दिन बिताया और एक किताब का विमोचन भी किया। अमित शाह के इस दौरे ने न सिर्फ राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस बल्कि जेडीएस को भी चौंका दिया था।
pic.twitter.com/ZAlhROT7sf— Rajesh Mishra (@rajeshemmc) October 27, 2017
कर्नाटक में बढ़ेगी पीएम-भाजपा अध्यक्ष की सक्रियता
दरअसल, लिंगायत नेता येदियुरप्पा एक ओर जहां अपनी यात्रा में दलितों और ओबीसी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, तो वहीं राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रदेश के दूसरे सबसे प्रभावी समुदाय में पैठ बनाने की कोशिश शुरू कर दी। आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री मोदी जब कर्नाटक के हर कोने में पहुंचेंगे तो इसे और धार दी जा सकती है। उधर, टीपू सुल्तान को लेकर शुरू हुई बहस को भी भाजपा-कांग्रेस की रीति नीति से जोड़ने की कोशिश करेगी। वरिष्ठ नेतृत्व इस पर चुप्पी बनाए रखेगा।