पिता ने किया नाबालिग बेटी से रेप
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के मसूरी थानाक्षेत्र में एक व्यक्ति द्वारा अपनी ही नाबालिग बेटी से रेप करने का मामला प्रकाश में आया है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश कर रही है।
गाजियाबाद, जासंकें। मसूरी थानाक्षेत्र में पिता ने नाबालिग बेटी से रेप किया। पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश कर रही है।
मसूरी थाना क्षेत्र में एक महिला अपने चार बच्चे, पति, सास और ससुर के साथ रहती है। 15 दिन पूर्व महिला तीन बच्चों को लेकर मायके चली गई। उसकी 11 वर्षीय बेटी, पति और सास व ससुर घर पर ही थे। आरोप है कि इस दौरान पति ने बेटी से रेप किया और घर छोड़ कर चला गया। महिला के घर लौटने पर बेटी ने उसे आपबीती बताई। महिला ने मसूरी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। लड़की को मेडिकल जांच के लिए भेज दिया गया है।
त्यूणी में दो दलित छात्राओं से रेप
त्यूणी, जागरण प्रतिनिधि। देवता के जागरण से रात में घर लौट रही त्यूणी क्षेत्र की दो दलित किशोरियों से रेप करने का मामला प्रकाश में आया है। इनमें से एक सातवीं और दूसरी नौवीं कक्षा की छात्रा है। पीड़िता के भाई की तहरीर पर राजस्व पुलिस त्यूणी ने दो युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने उनकी तलाश कर रही है।
राजस्व पुलिस के अनुसार, गुरुवार देर शाम को चालदा महाराज की देव पालकी गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने जागरण का आयोजन किया था। इसमें शामिल होने को त्यूणी क्षेत्र के एक गांव की 14 वर्षीय किशोरी अपनी सहेली (13 वर्षीय) के साथ गईं थी। जागरण खत्म होने के बाद रात में दोनों सहेलियां घर लौट रही थीं। रास्ते में दो युवकों ने उन्हें रोक लिया और जबरन उठाकर खेतों में ले गए और दोनों से रेप किया। इस दौरान वहां से गुजर रहे एक किशोरी के पिता चीख पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक दोनों आरोपी वहां से फरार हो गए।
शनिवार सुबह इस संबंध में पीड़िता के भाई ने राजस्व पुलिस में तहरीर दी। उसने डूंगरी गांव के दो युवकों पर रेप करने का आरोप लगाया है। तहरीर के आधार पर राजस्व पुलिस ने शनिवार को डूंगरी गांव के दो आरोपी युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। राजस्व उपनिरीक्षक जीवन सिंह तोमर ने बताया कि रविवार को दून अस्पताल में पीड़ित किशोरियों का मेडिकल कराया जाएगा। एसडीएम अशोक पांडे के अनुसार तहसीलदार त्यूणी केडी जोशी को आरोपियों की गिरफ्तारी के आदेश दे दिए गए हैं।
दुष्कर्म पीड़िताओं में 40 फीसद नाबालिग
नई दिल्ली, [शिप्रा सुमन]। सड़कों पर उमड़ी भीड़ व लोगों के जनआक्रोश से मीडिया की सुर्खियां बने वसंत विहार और गांधीनगर गैंगरेप मामले तो महज बानगी हैं। राजधानी में अभी भी ऐसी अनगिनत लड़कियां हैं जिनके साथ हुई दरिंदगी पर किसी का ध्यान नहीं गया।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह बताती हैं कि रेप की शिकार बनी पीड़िताओं में करीब 40 फीसद नाबालिग हैं। इतना ही नहीं, महिला आयोग में लगातार बढ़ रही रेप के मामलों की शिकायत राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठा रही है। बरखा सिंह इसकी वजह अपराधियों में पुलिस व कानून का खौफ खत्म होना बताती हैं।
दिल्ली महिला आयोग के अनुसार 16 दिसंबर (वसंत विहार गैंगरेप) के बाद रेप की शिकायतों की संख्या एक माह में 120 से बढ़कर 240 तक पहुंच गई है। इसके पीछे आयोग समाज खासकर महिलाओं में मामला दर्ज कराने के लिए आई जागरूकता तथा पुलिस की पहले से ज्यादा मुस्तैदी को भी वजह मानता है। लेकिन समाज में इस तरह रेप के मामले बढ़ने से आयोग भी चिंतित है।
बरखा सिंह बताती हैं कि उनके समक्ष किशोरियों और अबोध बच्चियों के साथ इस तरह के कृत्य की शिकायतें आती हैं तो सुनवाई के दौरान वह खुद भी विचलित हो जाती हैं। नजदीकी रिश्तों के अंदर घटने वाले मामले तो उन्हें अंदर तक झकझोर देते हैं। वह कहती हैं कि यह समस्या समाज से जुड़ी है। इसलिए हर घर को इससे निजात पाने के लिए पहल करनी होगी। साथ ही साथ कानून को भी और सख्त बनाए जाने की आवश्यकता पर भी उन्होंने जोर दिया।
महिला आयोग की एक अन्य सदस्य ने बताया कि 13 से 18 वर्ष आयु वर्ग की किशोरियों के साथ रेप के मामले बढ़े हैं। 3 से 17 साल तक की पीड़ितों की संख्या भी दोगुनी हो गई है। पुलिस कार्रवाई के बाद काउंसलिंग के लिए आयोग में आने वाली युवतियों और किशोरियों की दास्तां काफी दर्द भरी होती है। यह समाज की सोच में आई गिरावट का परिणाम है कि 11 माह तक की बच्चियों के साथ रेप के मामले सामने आ रहे हैं।
ऐसा भी हुआ
पिता ही निकला गुनहगार
'महज 9 साल की उम्र से बेटी के साथ उसी का पिता दुष्कर्म करता रहा। 6 साल से भी अधिक समय तक मासूम बच्ची पिता की गलत हरकत को चुपचाप सहती रही। वजह थी अपनी छोटी बहन व भाई की जान को खतरा। पिता भाई बहनों को मारने की धमकी देकर उसके साथ गलत हरकत करता था। स्कूल में तबियत खराब होने पर एक दिन बच्ची को अस्पताल ले जाया गया तब डॉक्टर के पूछने पर रोते-रोते उसने आपबीती बताई। मामला पुलिस के पास पहुंचा तब कहीं जाकर बच्ची को पिता के आतंक से मुक्ति मिल पाई।'
महिलाओं की प्रतिक्रियाएं
'बच्चियों के साथ रेप समाज की विकृति का आइना है। हमें अपने घरों में खास कर बेटों को संस्कार देने की जरूरत है, लेकिन पुलिस का खौफ आखिर कब तक होगा लोगों में, इसका इंतजार है।' -शशि गुप्ता, निजी क्षेत्र में कार्यरत
'दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा की गारंटी कौन देगा, यह समझ नहीं आता। आखिर कब तक हम घर से बाहर डर डर कर निकलते रहेंगे.? आज हम किसी अनजान व्यक्ति पर भरोसा नहीं कर सकते और ना ही पुलिस पर।' -नीतू वर्मा, गृहिणी
दिल्ली महिला आयोग की वर्ष 2011-12 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार
दुष्कर्म संकट सेल में आए कुल मामले- 668
हेल्पलाइन नंबर में आए दुष्कर्म मामले- 507
विभिन्न अदालत में लंबित मामले- 5118
विभिन्न अदालतों में नए मामले - 1032
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