पुत्र ने दी गवाही और पिता को मिल गई फांसी की सजा
जिसके हाथों रक्षा का दायित्व सौंपा उसी ने उस पर मिट्टी का तेल उड़ेला और जलाकर मार डाला। अदालत ने पुत्र की गवाही पर पत्नी व तीन निर्दोष बच्चों को एक साथ जलाकर मार डालने के मामले को जघन्यतम अपराध मानते हुए आरोपी पति को मृत्युदंड की सजा सुनाई। रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के ग्राम गोविंदपुर लाला निवासी हाशिम शेख उर्फ लड्डन
देवरिया। जिसके हाथों रक्षा का दायित्व सौंपा उसी ने उस पर मिट्टी का तेल उड़ेला और जलाकर मार डाला। अदालत ने पुत्र की गवाही पर पत्नी व तीन निर्दोष बच्चों को एक साथ जलाकर मार डालने के मामले को जघन्यतम अपराध मानते हुए आरोपी पति को मृत्युदंड की सजा सुनाई।
रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के ग्राम गोविंदपुर लाला निवासी हाशिम शेख उर्फ लड्डन की शादी कुशीनगर जिले के हाटा थाना क्षेत्र के ग्राम हरैया निवासी एजाज अहमद की बहन अमीना खातून से हुई थी। उनके तीन पुत्रियां व एक पुत्र पैदा हुए। 26 दिसंबर 2008 को एजाज अहमद को सूचना मिली कि उसका बहनोई हाशिम अपनी पत्नी अमीना खातून व पुत्री फातिमा खातून, सलमा खातून व नजमा उर्फ बबली के ऊपर मिट्टी तेल छिड़क कर जला दिया है। सूचना पाकर एजाज मौके पर पहुंचे तो देखा की नजमा उर्फ बबली की मौके पर मौत हो गई थी। अमीना, सलमा व फातिमा जिला चिकित्सालय में भर्ती थीं।
अमीना ने अपने भाई को बताया कि चार माह से हाशिम शेख कोई न कोई बहाना बनाकर रोज उसे व बच्चियों को मारता-पीटता था। आज मिट्टी का तेल छिड़क कर आग लगा दिया और वह स्वयं दरवाजे पर खड़ा हो गया कि हम भाग न सकें। इलाज के दौरान गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में अमीना, फातिमा व सलमा की मौत हो गई। सुनवाई के दौरान अदालत ने अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 16 गवाहों को पेश किया गया, जिसमें आरोपी हाशिम का नाबालिग पुत्र भी है।
जिला शासकीय अधिवक्ता विजय कुमार यादव व शुक्रुल्लाह के तर्को से सहमत होते हुए अदालत ने पुत्र की गवाही व मृतकों के मृत्युपूर्व बयान के आधार पर आरोपी के कृत्य को अक्षम्य मानते हुए कहा कि जिन्होंने समाज को अभी देखा ही नहीं और जिसके ऊपर उनकी रक्षा की जिम्मेदारी थी। उसने ही बेरहमी से पत्नी और तीन पुत्रियों की हत्या कर दी जो जघन्यतम अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे में आरोपी को मृत्युदंड से कम दंड दिए जाने पर न्याय की मंशा विफल हो जाएगी।
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