एंबुलेंस नहीं मिली, कंधे पर बेटी का शव उठाकर ले गया पिता
रविवार को शाम करीब सवा छह बजे इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई।
झारसुगुड़ा, जागरण संवाददाता। ओडिशा में एक बार फिर एक व्यक्ति को एंबुलेंस के अभाव में कंधे पर शव लाद कर जाना पड़ा। घटना झारसुगुड़ा जिला मुख्य अस्पताल में रविवार को सामने आई, जब समय से एंबुलेंस नहीं मिलने से दुखी एक बाप को अपनी बेटी का शव कंधे पर लाद कर वहां से जाना पड़ा।
सूचना के अनुसार पड़ोसी जिला सुंदरगढ़ के बड़भंगा गांव निवासी व गठियाबुड के समीप ईटा-भट्ठा पर काम करने वाले दिलीप दास ने रविवार को सुबह अपनी 14 वर्षीय बेटी को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। बच्ची को सेप्टीसेमिया बीमारी थी। रविवार को शाम करीब सवा छह बजे इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई। उसकी मौत के बाद दिलीप दास ने उसका शव अपने घर ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग की, लेकिन नहीं मिली।
अंत में थक-हारकर दिलीप दास अपनी बेटी का शव कंधे पर रखकर परिजनों के साथ घर के लिए निकल पड़े। इसकी सूचना मिलते ही अस्पताल के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। उन्होंने आननफानन में एक ऑटो की व्यवस्था कराई। तब तक दिलीप दास अस्पताल से काफी दूर जा चुके थे। बाद में वह अपनी बेटी का शव ऑटो में लेकर घर रवाना हुए।
दाना माझी व गति धीबर भी कंधे पर ले गए थे शव
इससे पूर्व कालाहांडी के दाना माझी पिछले साल मदद न मिलने पर पत्नी का शव कंधे पर लेकर लगातार 10 किलोमीटर तक चले थे। वहीं अंनुगुल जिले में गति धीबर अपनी पांच साल की बेटी का शव लेकर अस्पताल से बाहर निकले और एक किलोमीटर तक उन्हें ऐसी कोई मदद नहीं मिली जो उन्हें उनके गांव तक छोड़े।