फारूक का तंज, कहा- चीन को चुनौती नहीं दे सकता भारत
फारूक अब्दुल्ला का कहना है कि चीन अधिकृत कश्मीर को बीजिंग से वापस लेने की क्षमता भारत में नहीं है।
नई दिल्ली (एएनआई) जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को भारत-चीन रिश्ते में सुधार न होने की बात कहते हुए ताना कसा कि चीन अधिकृत कश्मीर को बीजिंग से वापस लेने के लिए भारत के पास ताकत नहीं है। लेकिन शायद वे 1967 का वाकया भूल गए जब नाथू ला पर भारत ने चीनी सैनिकों को खदेड़ा था और 1987 में तवांग(अरुणाचल) के सोमदोरुंग में चीन की नापाक हरकत का सेना ने जवाब दिया था।।
फारूक ने कहा, लद्दाख में, चीन ने अक्साई चीन पर कब्जा जमाया हुआ है। हम इस बारे में चिल्लाए लेकिन हमारे पास इसे वापस लेने की ताकत नहीं। उन्होंने आगे कहा कि चीन के साथ दोस्ती ही तनाव के समाधान का एकमात्र जरिया है क्योंकि युद्ध इसका समाधान नहीं है। उन्होंने बताया, भारत को अपने राजनयिक रिश्तों को बढ़ाना चाहिए और इससे ही मामले को सुलझाया जा सकेगा। उनके अनुसार, चीन का मकसद काराकोरम बाइपास बनाना है जो सिल्क रूट का हिस्सा होगा और उन्हें पोर्ट से जोड़ेगा। यह चीन अधिकृत क्षेत्र से होकर गुजरेगा। इसके अलावा दलाई लामा भी एक मुद्दा है। वे उन्हें देश से बाहर भेजने को कह रहे हैं। भारत किसी को आश्रय देना जानता है देश से बाहर निकालना नहीं।
सिक्किम में डटा है भारत
बता दें कि सिक्किम को भारत अपना बताता है जबकि चीन का कहना है कि 1890 में हस्ताक्षर किए गए समझौते के अनुसार यह क्षेत्र उनका है। यह भी कहा गया है कि भारतीय सैनिकों ने भारत-चीन सीमा के सिक्किम सेक्टर को पार कर लिया था। बीजिंग ने नई दिल्ली पर सिक्किम व तिब्बत से संबंधित ब्रिटेन और चीन के बीच 1890 में हस्ताक्षर किए गए संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया।
कम न आंकें भारत को
सैन्य साजो सामान के साथ तकनीक के मामले में भारत की क्षमता में लगातार इजाफा हो रहा है। चीन के पास अगर एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम है तो रूस से भारत इसी तरह का सिस्टम खरीद रहा है। हवा से हवा और जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल, लड़ाकू विमान के मामले में भी भारत ने प्रगति की है।