किसानों के खाते में आएगा सब्सिडी का पैसा
फर्टिलाइजर सब्सिडी में घपले को लेकर उठते सवालों के बीच सरकार ने खाद कंपनियों को सब्सिडी जारी करने के बजाय अब किसानों को सीधे सब्सिडी देने की तैयारी शुरु कर दी है। खाद सब्सिडी की धनराशि किसानों के बैंक खाते में जमा कराई जाएगी। इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी
सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। फर्टिलाइजर सब्सिडी में घपले को लेकर उठते सवालों के बीच सरकार ने खाद कंपनियों को सब्सिडी जारी करने के बजाय अब किसानों को सीधे सब्सिडी देने की तैयारी शुरु कर दी है। खाद सब्सिडी की धनराशि किसानों के बैंक खाते में जमा कराई जाएगी। इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए किसानों के बैंक खातों को उनके आधार नंबर से जोड़ा जाएगा।
फर्टिलाइजर, कृषि व सहकारिता मंत्रालय के साथ राज्यों के सहयोग से प्रायोगिक परियोजना की शुरुआत की जाएगी। मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक सीधी सब्सिडी योजना में सबसे बड़ी बाधा वास्तविक किसानों की पहचान को लेकर पैदा हुई है। खेतों का रकबा जांचकर खाद की सब्सिडी देने का प्रावधान वास्तविक किसानों के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।
इतना ही नहीं ज्यादातर राज्यों में भूमि संबंधी दस्तावेज न तो अप टू डेट हैं और न ही आन लाइन हैं। इससे पैदा होने वाली मुश्किलों को लेकर सरकार सरकार चाक चौबंद और पुख्ता इंतजाम करने में जुट गई है। आधार नंबर वाले किसानों के साथ उनके फर्टिलाइजर उपयोग का पिछड़ा रिकार्ड भी जांचा जाएगा। यह आंकड़ा निचले स्तर पर खाद की खुदरा आपूर्ति करने वाली दुकानों से लिया जाएगा।
इससे खेत के असल मालिक और वास्तविक खेती करने वालों के बीच तनाव पैदा हो सकता है। बटाई पर होने वाली खेती के प्रभावित होने का खतरा बढ़ सकता है। इन सारी चुनौतियों का मुकाबला करने की तैयारियां भी की जा रही हैं।फिलहाल खाद की सब्सिडी सीधे किसानों को देने के बजाय खाद उत्पादक कंपनियों को दिया जाता है। कंपनियों को सब्सिडी का भुगतान करने की पेचीदगी को लेकर खाद कंपनियां आजिज आ गई हैं।
खाद कंपनियां का सरकार पर 30 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बकायेदारी हो गई है। उनका आरोप है कि सरकार अपने आम बजट में इतनी कम धनराशि का आवंटन करती है कि कंपनियों का बकाया मिलना मुश्किल हो गया है। इसी के मद्देनजर फर्टिलाइजर एसोसिएशन आफ इंडिया (एफआइए) के महानिदेशक ने जागरण से बातचीत में स्पष्ट रूप से कहा था कि बेहतर हो कि सरकार खाद की सब्सिडी का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में ही करे।
सीधे तौर पर किसानों को सब्सिडी देने की योजना फर्टिलाइजर मंत्रालय के साथ कृषि व सहकारिता मंत्रालय संयुक्त रूप से तैयार कर रहे हैं। इस योजना में राज्य सरकारों की भूमिका सबसे अहम होगी। योजना के पहले चरण में प्रायोगिक परियोजना शुरु की जाएगी। इसमें उन्हीं राज्यों के कुछ जिलों को शामिल किया जाएगा, जहां भूमि दस्तावेजों का डिजीटलीकरण हो गया होगा।