टेलीकॉम चार्ज घटने से कंपनियों का राजस्व घटा
टेलीकॉम मंत्री मनोज सिन्हा ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि मोबाइल कंपनियों से सरकार को स्पेक्ट्रम के भुगतान मिलने में अभी कोई देरी नहीं है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। मोबाइल कॉल और डाटा चार्ज की दरें कम होने के कारण टेलीकॉम कंपनियों के राजस्व में कमी आ रही है। इसके कारण नया निवेश करने की उनकी क्षमता प्रभावित होगी और स्पेक्ट्रम के भुगतान में देरी हो सकती है। यह जानकारी सरकार ने राज्यसभा में दी है।
टेलीकॉम मंत्री मनोज सिन्हा ने राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि मोबाइल कंपनियों से सरकार को स्पेक्ट्रम के भुगतान मिलने में अभी कोई देरी नहीं है। सरकार को वर्ष 2012, 2013 और 2014 में हुई नीलामी के बकाया भुगतान तय तारीख को सरकार को प्राप्त हुए हैं। हालांकि मोबाइल कंपनियों की आपसी स्पर्धा के चलते कॉल और डाटा दरों में कमी आने के कारण उनका राजस्व घट रहा है। इसके कारण नया निवेश करने की उनकी क्षमता प्रभावित हो सकती है। इससे आने वाले समय में कंपनियों से स्पेक्ट्रम के भुगतान में भी देरी हो सकती है।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि प्राप्त जानकारी के मुताबिक टेलीकॉम सेक्टर पर करीब 4.60 लाख करोड़ रुपये कर्ज बकाया है।
ट्राई ने टेलीकॉम कमीशन के तर्क को किया खारिज
टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने टेलीकॉम कमीशन के उस तर्क को खारिज कर दिया है जिसमें उसने कहा था कि टेलीकॉम कंपनियों के प्रमोशन ऑफर्स को अनुमति दिये जाने के कारण उद्योग की वित्तीय स्थिति खराब हुई है और सरकार को लाइसेंस फीस के भुगतान में कमी आई है।
ट्राई का मानना है कि प्रमोशन ऑफर्स को व्यापक नजरिये से देखने की जरूरत है। इसमें उपभोक्ताओं का हित निहित है। ट्राई अगले हफ्ते अपना जवाब कमीशन को भेज सकता है। ट्राई के अधिकारी ने कहा कि टैरिफ ऑर्डर ट्राई के दायरे में आते हैं। अगर किसी को इस पर कोई आपत्ति है तो वह टीडीसैट में अपील कर सकता है। सूत्रों के अनुसार ट्राई ने रिलायंस जियो के प्रमोशन ऑफर्स का बचाव किया है। इस मसले पर विधिक राय मांगने पर अटॉर्नी जनरल ट्राई के फैसला का समर्थन किया था।
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