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कांग्रेस छोड़ सभी दलों की सदन चलाने की इच्छा

संसद में दो सप्ताह से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए सरकार की बुलाई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस को छोड़कर बाकी विपक्षी दलों ने सदन को चलाने की इच्छा जताई थी। हालांकि, लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों के निलंबन के बाद समीकरण बदल गए।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2015 09:53 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2015 10:28 PM (IST)
कांग्रेस छोड़ सभी दलों की सदन चलाने की इच्छा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली । संसद में दो सप्ताह से चल रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए सरकार की बुलाई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस को छोड़कर बाकी विपक्षी दलों ने सदन को चलाने की इच्छा जताई थी। हालांकि, लोकसभा में कांग्रेस सदस्यों के निलंबन के बाद समीकरण बदल गए।

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इससे पहले बैठक में कांग्रेस ने जहां विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया व शिवराज चौहान के इस्तीफे की मांग को दुहराया, वहीं सरकार की तरफ से इसे तुरंत खारिज कर दिया गया। ज्यादातर क्षेत्रीय दलों ने कांग्रेस व भाजपा के बीच चल रहे विवाद से खुद को अलग कर संसद को चलाने की इच्छा जताई।

सरकार की ओर से सभी दलों से सदन में कामकाज के लिए सहयोग की अपील की गई। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट किया कि उन्होंने संसद के गतिरोध को लेकर कभी कोई भड़काऊ बयान नहीं दिया। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भाजपा किसी मुद्दे पर संसद में बहस से नहीं भागती है।

गतिरोध खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप की पेशकश भी की गई। संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू ने विपक्ष को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने को कहा। सर्वदलीय बैठक में कुछ प्रमुख दलों ने गतिरोध पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। बीजू जनता दल और तृणमूल कांग्रेस जैसे क्षेत्रीय दलों ने दोनों बड़े दलों से अपने विवाद को सुलझाने और सदन चलाने की अपील की। वहीं, जद (यू) और वाममोर्चा ने कांग्रेस के रुख की वकालत की।

कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने बैठक में कहा, 'इस्तीफे के बगैर संसद में कोई कामकाज नहीं होगा। हालांकि, इसके जवाब में नायडू ने कहा कि ए.राजा के मामले में संसद में तीन दिनों तक बहस हुई, उसके बाद इस्तीफा हुआ था। टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय व डेरेक ओब्रायन ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की तू-तू मैं-मैं के चलते उनके राज्य पश्चिम बंगाल के तमाम मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पा रही। सपा के रामगोपाल यादव ने गतिरोध तोड़ने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप करने की मांग की। विपक्षी कांग्रेस को भी संसद चलाने के लिए रास्ता निकालना चाहिए। बैठक में कुल 20 राजनीतिक दलों के कुल 30 नेताओं ने हिस्सा लिया


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