शत्रु संपत्ति पर पांचवीं बार अध्यादेश जारी करेगी सरकार
कैबिनेट बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि नोटबंदी पर बार-बार संसद की कार्यवाही स्थगित होने से इससे संबंधित विधेयक पारित नहीं कराया जा सका।
नई दिल्ली, प्रेट्र। शत्रु संपत्ति को लेकर केंद्र सरकार पांचवीं बार अध्यादेश लाएगी। केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को शत्रु संपत्ति (संशोधन) अध्यादेश को पांचवीं बार जारी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। विधेयक में युद्ध के बाद पाकिस्तान और चीन चले गए लोगों की संपत्तियों के उत्तराधिकार या हस्तांतरण के दावों के खिलाफ 50 साल पुराने कानून की रक्षा का प्रावधान है। अब अध्यादेश को संस्तुति के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
कैबिनेट बैठक के बाद सूत्रों ने बताया कि नोटबंदी पर बार-बार संसद की कार्यवाही स्थगित होने से इससे संबंधित विधेयक पारित नहीं कराया जा सका। ऐसे में अध्यादेश फिर से जारी करना पड़ा।सरकार ने इन संपत्तियों को भारत के शत्रु संपत्ति के कस्टोडियन के कब्जे में सौंप रखा है। भारत-पाकिस्तान के बीच 1965 में हुए युद्ध के बाद 1968 में शत्रु संपत्ति कानून बनाया गया था।
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संघ से जुड़े दो दर्जन संगठनों को भूमि लौटाने का प्रस्ताव
लगभग दो दर्जन से अधिक सामाजिक-आर्थिक संगठनों की भूमि बहाली को लेकर बुधवार को हुई कैबिनेट में बैठक में एक प्रस्ताव पेश किया गया है। इन संस्थाओं में अधिकतर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े संगठन हैं। यह प्रस्ताव शहरी विकास मंत्रालय की ओर से तैयार किया गया है। दरअसल, नरेंद्र मोदी सरकार ने एक समिति का गठन किया था। इसका काम तत्कालीन संप्रग सरकार द्वारा उक्त संगठनों के लिए आवंटित भूमि को रद करने के फैसले की समीक्षा करना था। उसी समिति की सिफारिशों के आधार पर इन संगठनों की भूमि बहाली को लेकर प्रस्ताव तैयार किया गया है।आधिकारिक सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि यह प्रस्ताव कैबिनेट बैठक के एजेंडा का एक हिस्सा था। हालांकि यह अब तक पता नहीं चला है कि बैठक में इस विषय पर कोई चर्चा हुई या इसे पारित कर दिया गया।
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