नक्सलियों के सफाए में सीमाओं की बाधा खत्म
नक्सली समस्या से निपटने पुलिस जंगलों में नक्सली नेटवर्क ब्रेक करेगी। इसके लिए मप्र-छत्तीसग़़ढ व महाराष्ट्र में जंगलों में पुलिस भी नक्सलियों की तर्ज पर अपनी पैठ जमाएगी।
बालाघाट (नईदुनिया)। नक्सलियों के सफाए में राज्यों की सीमाएं बाधा नहीं बन सकेगी। अब एक राज्य की पुलिस दूसरे राज्य की सीमा में घुस सकेगी। बालाघाट में बुधवार को मप्र, छग और महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में यह रणनीति बनी। बालाघाट के कोबरा बटालियन के ब़़डगांव कैंप में देश के आंतरिक सुरक्षा सलाहकार नक्सली ऑपरेशन के. विजय कुमार ने तीनों राज्यों में 3 माह की नक्सली मूवमेंट की समीक्षा की। अब तक नक्सली एक राज्य में वारदात करने के बाद दूसरे राज्य की सीमा में चले जाते थे।
इससे ऑपरेशन में पुलिस को काफी दिक्कत होती थी। नक्सली समस्या से निपटने पुलिस जंगलों में नक्सली नेटवर्क ब्रेक करेगी। इसके लिए मप्र-छत्तीसग़़ढ व महाराष्ट्र में जंगलों में पुलिस भी नक्सलियों की तर्ज पर अपनी पैठ जमाएगी। बैठक में तीनों राज्यों के आला पुलिस अफसर व 6 जिलों के एसपी भी मौजूद थे। बारिश के बाद ब़़ढ जाता है मूवमेंट कुमार ने बारिश थमने के बाद ब़़ढने वाली नक्सली आहट को गंभीर बताया है। तीनों राज्यों की पुलिस को बार्डर में कसावट रखने और नक्सली नेटवर्क तोड़ने को कहा। यहां उन्होंने नक्सली नेटवर्क ब्रेक करने के साथ ही उनके ठिकानों को मिटाने की बात कही। मप्र फिर बना नक्सलियों का टारगेट बारिश बाद तीन राज्यों में फिर नक्सली मूवमेंट ब़़ढने के संकेत है।
मप्र-छत्तीसगढ व महाराष्ट्र के सीमावर्ती इलाकों में सक्रिय विस्तार दलम से बार्डर एरिया पर नक्सली अपने ठिकाने ब़़ढा रहे हैं। कबीरधाम में नया दलम के विस्तार के बाद नक्सली मप्र को टारगेट कर रहे हैं। बार्डर एरिया में कुछ नए ठिकाने बने हैं। यहां नक्सली अपनी जमीन तलाश रहे हैं। इससे निपटने जॉइंट ऑपरेशन चलाने खास रणनीति बनाई है।
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