भारत का तेल भंडार भरेगा अमीरात, दोनों देशों के बीच हुए 14 अहम समझौते
यूएई बना भारत का रणनीतिक सहयोगी, दोनों देशों के बीच 14 अहम समझौते
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अपने आपसी रिश्तों को नया आयाम देते हुए भारत और संयुक्त अरब अमीरात एक-दूसरे के और करीब आ गए हैं। इसके तहत दोनों देश रणनीतिक सहयोगी बन गए हैं। इसके साथ ही यूएई भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिहाज से तेल की आपूर्ति भी बढ़ाएगा। वह मंगलोर स्थित कच्चे तेल भंडार का आधा हिस्सा भरने के लिए राजी हो गया है।
दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत अबू धाबी नेशनल ऑयल कारपोरेशन 60 लाख बैरल कच्चे तेल का मंगलोर में भंडारण करेगा। भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिहाज से यूएई बीते सालों में बड़ा साझीदार बनकर उभरा है। 2015-16 में भारत को तेल निर्यात करने वाले देशों में यह पांचवें नंबर पर था।
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बुधवार को दोनों देशों के बीच 14 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। क्राउन प्रिंस शेख मुहम्मद बिन जायद अल नाहयान की अगुआई में जो समझौते हुए हैं, उससे साफ है कि अब दोनों देश मजबूत साझेदार बनेंगे। क्राउन प्रिंस इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं।
बुधवार को क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें रक्षा, सुरक्षा से लेकर व्यापार और समुद्री क्षेत्र तक शामिल हैं। यूएई ने इस तरह का समझौता बहुत कम देशों के साथ किया है।
75 अरब डॉलर निवेश पर समझौता नहीं
बुधवार को जो समझौते हुए हैं, उनमें यूएई की तरफ से भारत में किए जाने वाले 75 अरब डॉलर के निवेश से संबंधित कोई समझौता नहीं है। इस बारे में सहमति मोदी की यूएई यात्रा के दौरान बनी थी। विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक दिन पहले ही कहा था कि इस बार निवेश समझौता हो जाएगा। लेकिन, विदेश मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि यूएई अपने वादे के मुताबिक 75 अरब डॉलर भारत के ढांचागत क्षेत्र में लगाने को तैयार है। लेकिन, अभी तक उन परियोजनाओं का फैसला नहीं हो सका है जहां यह निवेश होगा। इस बारे में दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है। वैसे यूएई अभी भी भारत में निवेश करने वाला 10वां सबसे बड़ा राष्ट्र है।
मोदी बोले, रिश्ते में विस्तार हुआ
बैठक के बाद साझा बयान जारी करते हुए मोदी ने कहा कि सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग स्थापित होने के बाद द्विपक्षीय रिश्ते में और विस्तार हो गया है। उन्होंने कहा कि ये समझौते सिर्फ इन दोनों देशों के लिए नहीं बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसमें रक्षा उपकरणों के निर्माण के लिए किया गया समझौता भी शामिल है। इससे भारत को अपने रक्षा उपकरणों के लिए एक अहम बाजार मिलेगा। साथ ही अपनी सुरक्षा को नई धार देने में जुटे यूएई को पड़ोस से ही विश्वस्तरीय रक्षा उपकरण मिलने का रास्ता साफ होगा।
क्राउन प्रिंस ने संबंध को खास बताया
--क्राउन प्रिंस ने मोदी संग बैठक के बाद भारत के साथ संयुक्त अरब अमीरात के रिश्ते को खास बताया।
--उन्होंने कहा कि दोनों देश एशिया और मध्य पूर्व के इलाके में शांति लाने के लिए काम करेंगे।
--मोदी और क्राउन प्रिंस के बीच एक घंटे तक व्यक्तिगत वार्ता भी हुई, जो बताता है कि दोनों के बीच तालमेल बढ़ रहा है।
--दोनों नेताओं के बीच आतंकवाद और धार्मिक कट्टरता रोकने में एक दूसरे की मदद करने पर भी बात हुई है।