डीपीएस समेत 43 स्कूलों को लौटानी होगी फीस
छठा वेतन आयोग लागू करने के नाम पर राजधानी के निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से बढ़ाई गई स्कूल फीस के मामले में हाई कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस अनिल देव सिंह कमेटी ने बृहस्पतिवार को अपनी सातवीं रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष दायर कर दी है। रिपोर्ट में कमेटी ने
नई दिल्ली। छठा वेतन आयोग लागू करने के नाम पर राजधानी के निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से बढ़ाई गई स्कूल फीस के मामले में हाई कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस अनिल देव सिंह कमेटी ने बृहस्पतिवार को अपनी सातवीं रिपोर्ट हाई कोर्ट के समक्ष दायर कर दी है।
रिपोर्ट में कमेटी ने 70 स्कूलों के खातों की जांच के बाद राजधानी के डीपीएस मथुरा रोड, मॉडर्न स्कूल बाराखंभा रोड, माउंट कारमेल द्वारका व हिमालय पब्लिक स्कूल सहित 43 नामचीन स्कूलों को स्कूल फीस बच्चों को वापस लौटाने के लिए कहा गया है। न्यायमूर्ति बीडी अहमद व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 5 दिसंबर की तारीख तय की है।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि राजधानी के 70 स्कूलों के खातों की जांच की गई। जिसमें पाया गया कि बहुत से स्कूलों ने अपने खाते का ठीक से लेखा-जोखा नहीं रखा है। इसके अतिरिक्त बहुत से स्कूलों के खातों में अनियमितताएं पाई गई हैं। कमेटी को जांच में 43 ऐसे स्कूल मिले, जिन्होंने छठा वेतन आयोग लागू करने की आड़ में मनमाने ढंग से स्कूल फीस की वृद्धि की।
कमेटी ने रिपोर्ट में अदालत को यह जानकारी भी दी है कि किस स्कूल को अपने छात्रों को कितनी फीस वापस लौटानी होगी। कमेटी ने हाई कोर्ट को बताया कि 43 स्कूलों को करीब 25 करोड़ रुपये लौटाने के लिए अनुशंसा की गई है। इसके लिए दिल्ली सरकार को निर्देश जारी किया जाए कि वह इन स्कूलों को फीस लौटाने के संबंध में आदेश जारी करे। उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाई कोर्ट में स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से स्कूल फीस में वृद्धि करने के मामले में कुछ अभिभावकों ने अधिवक्ता अशोक अग्रवाल के माध्यम से जनहित याचिका दायर की थी।
हाई कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए दिल्ली के सभी स्कूलों के खातों की जांच कर इस मामले की तह तक जाने के लिए जस्टिस अनिल देव कमेटी का गठन किया था। कमेटी को निर्देश दिया गया था कि छठे वेतन आयोग के चलते जिन निजी स्कूलों ने फीस बढ़ाई है, उनके खातों की जांच की जाए। अगर किसी स्कूल ने गलत तरीके से फीस बढ़ाई है तो उनको फीस वापस करनी होगी। इससे पूर्व कमेटी 371 से ज्यादा दिल्ली के नामचीन स्कूलों को फीस वापस लौटाने के लिए सरकार से अनुशंसा कर चुकी है। कमेटी पूर्व में करीब एक हजार स्कूलों के खातों की जांच कर अपनी छह रिपोर्ट सौंप चुकी है।