सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जानवरों के प्रति निर्दयी नहीं हो सकते हाथी मालिक
प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल्स एक्ट के तहत जानवरों को दर्द पहुंचाने या क्रूरता करने पर दंड का प्रावधान है।
नई दिल्ली, प्रेट्र : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि मंदिरों समेत हाथियों के सभी मालिक उनके प्रति निर्दयी नहीं हो सकते। उन्हें कानून का पालन करना ही होगा।
जस्टिस दीपक मिश्रा और अमिताव राय की पीठ ने कहा कि हाथियों को बंधक बनाकर रखने वाले व्यक्ति या मंदिर जानवरों की देखरेख या कानून की परवाह नहीं करते। जबकि, हाथियों के मालिकों ने कहा कि कानून पहले से हैं और वे कानून का पालन कर रहे हैं क्योंकि प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू एनिमल्स एक्ट के तहत जानवरों को दर्द पहुंचाने या क्रूरता करने पर दंड का प्रावधान है।
इस पर पीठ ने कहा, 'सारी समस्या तो यही है कि कानून का पालन नहीं होता।' मंदिरों और हाथी मालिकों की ओर से पेश वकील ने कहा कि जानवरों की समुचित देखभाल की जाती है और स्थानीय कमिश्नर उचित शर्तो के साथ ही मालिकों को लाइसेंस प्रदान करते हैं। इस पर पीठ ने वकील से पूछा कि जब कानूनी प्रावधान पहले से मौजूद हैं तो फिर अदालत के निर्देशों की जरूरत ही क्या है।
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